विदेश से पीहर आईं 1 हजार बेटियां, निकाली शोभायात्रा, भाई-भाभियों ने किया स्वागत, गिफ्ट में दिया 80 फीट का पक्षी घर

बाड़मेर में यहां से दूसरे राज्यों और देशों में ब्याही गईं बेटियां अपने पीहर लौटीं। पचपदरा में हुए इस आयोजन को बाबुल की गलियां नाम दिया गया है। 

विदेश से पीहर आईं 1 हजार बेटियां, निकाली शोभायात्रा, भाई-भाभियों ने किया स्वागत, गिफ्ट में दिया 80 फीट का पक्षी घर

नई दिल्ली। अपने पीहर को याद कर रहीं बेटियों के लिए शनिवार का दिन खास रहा। बाड़मेर में यहां से दूसरे राज्यों और देशों में ब्याही गईं बेटियां अपने पीहर लौटीं। पचपदरा में हुए इस आयोजन को बाबुल की गलियां नाम दिया गया है। आयोजन में देश के विभिन्न शहरों के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, दुबई में रह रहीं पचपदरा कस्बे की एक हजार से ज्यादा बेटियां शामिल हुईं। इनमें बहुत सी तो ऐसी भी हैं, जो पिछले 20-30 सालों से यहां नहीं आई थीं। वहीं, गुरुवार से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। शनिवार को 1 हजार बेटियों के साथ धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई। पूरा शहर इस आयोजन को याद रखे इसलिए बेटियों की ओर से शहर को 7 लाख का पक्षी घर तोहफे के तौर पर दिया गया।

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पचपदरा शहर में बरघोड़ा यात्रा चोपड़ा भवन से निकली। यात्रा मुख्य बाजार, ग्राम पंचायत कार्यालय से होती हुई, करीब 5 किलोमीटर का चक्कर लगाकर एक बजे वापस चोपड़ा भवन पहुंची। रास्ते में फूलों की बारिश की गई। जहां खाने के साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन बहनों के स्वागत के लिए भाई और भाभियों की ओर से पहले से तैयार की गई थी। कार्यक्रम में कई बेटियां तो ऐसी हैं, जो 20 से 30 साल बाद में पचपदरा वापस आई हैं। वहीं कई बेटियां तो अपनी आयु 80 साल भी पार कर गई, लेकिन अब कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपने बचपन की यादों को ताजा किया। कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए बेटियों ने पचपदरा में पक्षियों के लिए चुग्गा घर का निर्माण करवाया है, जिसका लोकार्पण किया है। 80 फीट के पक्षी घर पर करीब 7 लाख रुपए खर्च आया। देश और विदेशों से भाग लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में बेटियां के पहुंचने पर पूरे कस्बे में रौनक का माहौल रहा। इस दौरान संगीत, डांस, मेहंदी, शोभायात्रा जैसे कई कार्यक्रमों में बड़े ही उमंग के साथ घर आईं बेटियों ने हिस्सा लिया।

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वहीं, ममता ने बताया, चुनौती यह थी कि कार्यक्रम क्या करें और कैसे करें? भाइयों से बात की तो उन्होंने गांव में पूरा आयोजन करने का जिम्मा उठाया। इसके बाद हर शहर में 3 3 वॉलंटियर बनाकर सबको बुलाने की तैयारियां शुरू की गई। उन्होंने आगे कहा, सभी बेटियों से रजिस्ट्रेशन के साथ 1100 1100 रुपए फीस ली गई। जब पचपदरा के लोगों को इस आयोजन का पता लगा तो अलग अलग लोगों ने आयोजन का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ले ली। ऐसे में बेटियों ने तय किया कि इकठ्‌ठा हुआ पैसा किसी अच्छे काम में लगाया जाए। आखिर पचपदरा में पक्षियों के लिए एक बड़े चुग्गा घर का निर्माण करवाने का फैसला किया गया।

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आपको बता दे, पचपदरा की दो बहनें ममता तलेसरा और भावना ढिलड़िया के आइडिया पर इस आयोजन की शुरुआत हुई। ममता मुंबई और भावना इचलकरंजी में। ममता ने बताया कि पिछले साल अगस्त में वे कर्नाटक के होस्पेट में एक शादी में गई थीं। वहां दोनों बहनों को बातों बातों में यह आइडिया आया। तभी उन्होंने एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया और अलग अलग शहरों में रहने वाली पचपदरा की बेटियों से इस बारे में बात की। इसका उन्हें जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। अगले 15 दिनों में 500 600 बेटियां उनके ग्रुप्स में जुड़ गईं और अब तक एक हजार से ज्यादा बेटियां इस वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा हैं।

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