शेरिंगवुड के बच्चें "जनक दादी " का " ग्रीन वंडरलैंड " देख आश्चर्य चकित हुए

इंदौर के शेरिंगवुड वर्ल्ड स्कूल के बच्चे ,गाँव सनावादिया की टेकरी पर चारों तरफ से पेड़ो से घिरे हुए, जिम्मी मगिलिगन सेंटर फार सस्टेनेबल डेवलपमेंट पहुचे । सबसे पहली सरप्राइज थी 60 फ़ीट ऊँचा विंडमिल , देखते देखते, चढ़ कर उपर पहुचे तो ग्रीन साढ़ी पहने सफ़ेद बालो वाली जनक पलटा मगिलिगन ने बहुत प्यार से वेल्कॉम बोल कर अपना और जिम्मी मगिलिगन सेंटर का नाम बोल कर बुलवाया क्योकि उन्हें नही पता था कहाँ आए । सबसे पहले उनका परिचय अपनी गाय गौरी से करवाया और उन्हें गाय को प्यार करवाया और फिर (डौगी) वीरू से जो सभी के आने से बहुत खुश होता है।
बच्चों को सोलर कुकर, सोलर लाइट, सोलर कैंडल दिखाई फिर सूर्य के साथ आटोमेटिक घुमने वाली (बिना बैटरी और सेल ) से सोलर किचन की डिश से एक सेकंड में कागज जलाकर दिखाया तो हैरान थे न लाइटर ,न माचिस से आग लग गई ? चिक्कू, संतरे, एलोवेरा, निम्बू ,सीताफल, अमला , क्बीठ , लगे देख कर बच्चों को बहुत मज़ा आया । इसके बाद बच्चों से इंटरैक्टिव सेशन जनक पलटा मगिलिगन ने बहुत प्यार से कुछ ताज़े टमाटर , गिलकी , भिन्डी , तुलसी , पुदीना दिखा दिखा कर पूछती रही केवल एक बच्चे को पता था तुलसी और एक को गिलकी बाकी ले फिंगर , टमेटो पता था उन्हें किसी भी अनाज गेहू , मक्का म ज्वार बाजरा पेली बार देखा धनिया , पालक , मेथी ,गोभी के बीज भी दिखाए ।उन्हें बहुत अच्छा लगा । फिर नीलेश चौहान इंटर्न एमएसडब्ल्यू: ने जब चने, तुवर ,उडद , खड़े चने , साबुत मूंग, दिखाए तो किसी भी बच्चे को न नाम पता था न पहचान बस येलो , ब्लैक दाल ही पता था बच्चो ने बहुत रुचि ली ।
बच्चों ने जाने से पहले बताया कि उन्हें यहां बहुत सारी सब्जी -दाले देखी ,लेकिन कही प्लास्टिक -कचरा या डस्टबिन नहीं देखा । बच्चों के साथ आए स्कूल के शिक्षकों ने भी बताया कि यहा आकर बच्चों के साथ-साथ उन्हें भी दाल सब्जियो अनाज , के देसी नामो की बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई, सौर ऊर्जा का उपयोग कैसे किया घरेलु उपयोग में किया जा रहा है यह देखा । बच्चो ने कहा "जनक दादी थैंक्यू फॉर शोइंग योअर ग्रीन वर्ल्ड " ।