दिवालिया हो चुकी इस कंपनी को खरीदने के लिए होड़ मची थी, अब रेस में बहार हुए अंबानी-अडानी

 
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फ्यूचर रिटेल को खरीदने की रेस से रिलायंस रिचेल और अडानी समूह ने अपने हाथ खींच लिए हैं। मुकेश अंबानी और गोतम अडानी की कंपनी ने इस कंपनी को खरीदने के लिए फाइनल राउंड की बोली में हिस्सा नहीं लिया। अब सिर्फ 6 कंपनियां है, जिन्होंने बोली लगाई है। ये सभी छोटी-छोटी कंपनियां हैं।

 

नई दिल्ली। आपने भी कभी ना कभी बिग बाजार (Big Bazaar), Fbb से शॉपिंग किया होगा। करोड़ों-अरबों का कारोबार करने वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Ltd) अब दिवालिया हो चुकी है। कंपनी भारी कर्ज में डूबी है। कंपनी के शेयर 3.21 रुपये से नीचे गिर चुके हैं और हालात अब ऐसे हैं कि कंपनी बिकने जा रही है। इस दिवालिया कंपनी को खरीदने के लिए एक वक्त में भारी होड़ मची थी। कुछ वक्त पहले तक इस कर्ज में डूबी कंपनी की खरीदने के लिए एक-दो नहीं बल्कि 49 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। इस लिस्ट में रिलायंस, अडानी समूह जैसी बड़ी कंपनियों का भी नाम था, लेकिन अब वो इस रेस से बाहर हो गए हैं। कंपनी को खरीदने के लिए फाइनल रेस में 6 कंपनियां सामने आई हैं, जिसमें कोई बड़ा नाम शामिल नहीं है।

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रेस से बाहर हुए अंबानी-अडानी
ईटी नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की दो सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की रिलायंस रिटेल और अडानी समूह अब बिग बजार (Big Bazaar) के फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की रेस से बाहर हो गए हैं। फ्यूचर ग्रुप को खरीदने के लिए अब 6 कंपनियां रेस में है। इस रेस से अंबानी और अडानी की कंपनी बाहर हो गई है। फ्यूचर रिटेल के लिए बोली की फाइनल राउंड के लिए सिर्फ छह कंपनियां ही सामने आई हैं। इसमें सबसे बड़ी बोली स्पेस मंत्रा (Space Mantra) कंपनी ने लगाई है। इसके अलावा कंपनी को खरीदने के लिए पिनैकल एयर, Palgun Tech LLC, गुडविल फर्नीचर, सर्वभिस्ता ई-वेस्ट मैनेंजमेंट और लहर सॉल्यूशंस शामिल है।

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49 कंपनियां थी रेस में
फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए 49 कंपनियां रेस में थी। इन कंपनियों ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दिया था। फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने फ्यूचर रिटेल से 20 हजार करोड़ रुपये का क्लेम किया है। वहीं एनसीएलटी ने फ्यूचर ग्रुप को इस दिवाला समाधान के लिए 90 दिनों का वक्त किया है। इस कंपनी को खरीदने के लिए अब फाइनल राउंड के लिए छह कंपनियों ने बोली लगाई है।

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