Right to Repair: गाड़ी की वारंटी लोकल मेकैनिक से रिपेयरिंग के बावजूद नहीं होगी खत्म, इस कानून के तहत होगा आपका काम

कंपनियां ग्राहकों के पुराने उत्पादों को रिपेयर करने से इनकार नहीं कर सकेंगी। वर्तमान में ज्यादातर कंपनियां प्रोडक्ट्स को यह कहते हुए रिपेयर करने से मना कर देती हैं कि इनके पार्ट्स आने बंद हो गए हैं।
नई दिल्ली। बहुत से लोगों के साथ ऐसा हुआ होगा कि उनकी गाड़ी की वारंटी इस वजह से समाप्त हो गई है, क्योंकि आपने उसे लोकल मेकैनिक से दिखवा दिया है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर आप वाहन की वारंटी के बीच किसी लोकल मैकेनिक से अपनी गाड़ी को रिपेयर करवाते हैं तो आप की गारंटी या वारंटी लूज नहीं होगी। अगर कोई सर्विस सेंटर आपको यह बोलता है कि आपके गाड़ी की वारंटी लूज हो गई है और हम इसे फ्री में नहीं बनाएंगे तो उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
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राइट टू रिपेयर
कन्ज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट में राइट टू रिपेयर पहल के तहत पोर्टल को लॉन्च किया है। इस पोर्टल के तहत वाहन की वारंटी की रक्षा की जाती है, भले ही आपने किसी थर्ड पार्टी वर्कशॉप से ही रिपेयरिंग क्यों न करवाया हो।
पोर्टल इस समय सही तरह से काम कर रहा है। इस पोर्टल के तहत हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटरसाइकिल जैसी अन्य बड़ी कंपनियां शामिल हुई है। यह स्व-मरम्मत नियमावली के लिए संसाधन के रूप में भी कार्य करेगा और अधिकृत तृतीय-पक्ष मरम्मत पक्ष विवरण को प्रदर्शित करेगा।
राइट टू रिपेयर अधिकार गाड़ी खरीदने के पहले दिन से ही लागू हो जाएगा और तब तक काम करेगा, जब तक आपकी गाड़ी अंडर वारंटी हो। डायग्नोस्टिक टूल और स्पेयर पार्ट्स भी कन्ज्यूमर और वर्कशॉप के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगे। क्या निर्माता मरम्मत के अधिकार को एक बाधा या माल के उत्पादन को बढ़ाने के अवसर के रूप में देखेंगे, ये देखना अभी बाकी है।
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राइट टू रिपेयर कानून के फायदे
केंद्र सरकार के इस कानून को लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। कंपनियां ग्राहकों के पुराने उत्पादों को रिपेयर करने से इनकार नहीं कर सकेंगी। वर्तमान में ज्यादातर कंपनियां प्रोडक्ट्स को यह कहते हुए रिपेयर करने से मना कर देती हैं कि इनके पार्ट्स आने बंद हो गए हैं।
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