पहले संकट में सहारा दिया अडानी को, अब बाबा रामदेव की कंपनी को इस उद्योगपति का साथ मिला

Rajiv Jain Invest In Patanjali Foods : पतंजलि फूड्स के शेयर को बेहद कम कीमत पर बेचा गया था। ये बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की गई थी, जो दो दिन के लिए ओपन हुआ था। 13 जुलाई को नॉन-रिटेल इन्वेस्टर्स को, जबकि14 जुलाई को ये रिटेल इन्वेस्टर्स इसमें निवेश करने का मौका मिला था।
नई दिल्ली। राजीव जैन (Rajiv Jain)... ये नाम बीते साल तक चर्चा में भले ही नहीं था, लेकिन साल 2023 की शुरुआत के साथ जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने Adani Group को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की, उसके बाद इनका नाम सुर्खियों में आ गया और लगातार बना हुआ है। दरअसल, हिंडनबर्ग के असर के चलते जब अडानी के शेयरों में सुनामी आई थी और Gautam Adani की संपत्ति में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही थी, तब इन्वेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने ही अडानी की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी खरीदकर बड़ा सहारा दिया था। एक नहीं बल्कि उन्होंने तीन बार उनकी कंपनियों में इन्वेस्टमेंट किया। अब राजीव जैन ने योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पर भरोसा जताते हुए बड़ा निवेश किया है।
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पतंजलि में 5.96% हिस्सेदारी खरीदी
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि फूड्स लिमिटेड (Patanjali Foods Ltd) ने सोमवार को कहा कि राजीव जैन के नेतृत्व वाली जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने बीते 14 जुलाई 2023 को इस कंपनी के 2,15,64,571 शेयर खरीदे हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो जीक्यूजी पार्टनर्स ने पतंजलि फूड में 5.96 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इन्वेस्टमेंट फर्म द्वारा रामदेव की कंपनी में ये हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए खरीदी गई है। Rajiv Jain द्वारा किए गए इस बड़े निवेश की खबर सामने आने का बड़ा असर पतंजलि फूड्स के शेयरों पर भी दिखाई दिया।
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2400 करोड़ का निवेश, रॉकेट बने पतंजलि स्टॉक्स
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार (Share Market) में कारोबार के दौरान कंपनी के स्टॉक हरे निशान पर कारोबार करते हुए नजर आए। कारोबार खत्म होने पर पतंजलि फूड्स लिमिटेड के शेयर (Patanjali Foods Ltd Share) 2.42 फीसदी उछलकर 1,253 रुपये के लेवल पर बंद हुए। कारोबार के दौरान ये शेयर 1259 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव जैन (Rajiv Jain) ने बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स कंपनी में लगभग 2400 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है।
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दो दिन के लिए खुला था ऑफर
गौरतलब है कि शेयर बाजार (Share Market) में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों के लिए योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स के शेयर (Patanjali Foods Share) को बेहद कम कीमत पर बेचा गया था। ये बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की गई थी, जो 13 और 14 जुलाई को ओपन हुआ था। इस OFS के तहत पतंजलि फूड्स की प्रमोटर कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा करीब 7 फीसदी हिस्सेदारी बेची गई है। इस ऑफर के जरिए कंपनी ने अपने शेयरों की बिक्री 225 रुपये तक कम दाम पर की थी। एक स्टॉक की मिनिमम कीमत 1000 रुपये तय की गई थी। पतंजलि फूड्स का ये ऑफर फॉर सेल 13 जुलाई को नॉन-रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए, जबकि14 जुलाई को ये रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए ओपन हुआ था।
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रामदेव की कंपनी बनाती है ये प्रोडक्ट्स
Patanjali Foods खाद्य तेल और अन्य खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी है और इसकी गिनती भारत की अग्रणी एफएमसीजी कंपनियों (FMCG Firms) में होती है। कंपनी ने शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड होने के बाद के नियामकीय नियमों का पालन करने के लिए प्रवर्तकों की हिस्सेदारी कम करने के लिए ये ऑफर पेश किया था। इस ऑफर के जरिए 2-2 रुपये फेस वैल्यू के शेयरों की बिक्री की गई थी। ओएफएस का लगभग 25 फीसदी हिस्सा म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) और बीमा कंपनियों (Insurance Companies) के लिए आरक्षित किया गया था।
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Adani के शेयरों में तीन बार निवेश
बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स के शेयरों में इन्वेस्ट करने से पहले GQG Partners के राजीव जैन ने गौतम अडानी की कंपनियों में तीन इन्वेटमेंट किया है। हिंडनबर्ग के भंर में फंसे अडानी ग्रुप को तब बड़ी राहत मिली थी, जब समूह की चार कंपनियों में मार्च 2023 में राजीव जैन द्वारा 15,446 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया गया था। इसके बाद भी उनका भरोसा अडानी के शेयरों पर कायम रहा और मई 2023 में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी में 10 फीसदी का इजाफा कर दिया था। इसके बाद तीसरी बार उनकी कंपनी GQG Partners करीब 100 करोड़ डॉलर का निवेश किया।
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हिंडनबर्ग ने हिलाया था अडानी साम्राज्य
गौतम अडानी की संपत्ति (Gautam Adani Net Worth) में गिरावट का सिलसिला 24 जनवरी 2023 के बाद शुरू हुआ था। दरअसल, इसी तारीख को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट में शेयरों में हेर-फेर और कर्ज से संबंधित 88 गंभीर सवाल खड़े किए गए थे। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद अडानी की तमाम कंपनियों के शेयरों में सुनामी आ गई थी और हर बीतते दिन के साथ उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था। तीन महीनों के भीतर ही गौतम अडानी ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा (करीब 60 अरब डॉलर) गंवा दिया था।
(नोट- शेयर बाजार में निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)
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