बड़ी खबर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीद चुके ग्राहकों के लिए, कंपनियां 19 हजार रुपए करेंगी रिफंड; मंत्रालय ने दिया आदेश

 
Electric two-wheeler

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीद चुके ग्राहकों के लिए गुड न्यूज आई है। दरअसल, जिन कंपनियों ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को चार्ज करने वाले चार्जर का जो अमाउंट लिया था वो उन्हें अब वापस लौटाना होगा।

 

नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीद चुके ग्राहकों के लिए गुड न्यूज आई है। दरअसल, जिन कंपनियों ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को चार्ज करने वाले चार्जर का जो अमाउंट लिया था वो उन्हें अब वापस लौटाना होगा। इन कंपनियों में एथर एनर्जी, TVS मोटर कंपनी, ओकीनावा, ओला इलेक्ट्रिक और हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड शामिल हैं। इन सभी कंपनियों को अपने ई-स्कूटर के साथ दिए गए चार्जर का अमाउंट ग्राहकों को वापस करना होगा। मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2019-20 से लेकर इस साल 30 मार्च तक ओला के S1 प्रो मॉडल ई-स्कूटर खरीदने वालों को कंपनी चार्जर के नाम पर लिए गए पेमेंट को वापस करेगी। कंपनी ग्राहकों से इसके लिए 9,000 से लेकर 19,000 रुपए तक लिए थे।

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सब्सिडी नियमों को तोड़ रही थी कंपनियां
मिनिस्ट्री के मुताबिक, इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चर कंपनियां फास्टर एडाप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग आफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) के तहत सब्सिडी ले रही हैं। सब्सिडी नियम के तहत ये कंपनियां चार्जर का पेमेंट ग्राहकों से नहीं ले सकतीं। चार्जर के नाम पर ग्राहकों से अधिक कीमत वसूली जा रही थी। इस मामले में मंत्रालय के पास शिकायत आई थी। जब इस मामले की जांच की गई तो शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद मिनिस्ट्री ने ग्राहकों हित में इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया।

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हर कंपनी से 100 करोड़ से ऊपर की वसूली
मिनिस्ट्री के आदेश के बाद ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर ने चार्जर के नाम पर लिए गए 130 करोड़ रुपए अपने ग्राहकों को वापस करने की सूचना मिनिस्ट्री को दी है। वहीं, वसूली के लिए हीरो इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, TVS मोटर कंपनी और ओकीनावा को भी नोटिस भेजा गया। अब मिनिस्ट्री फेम नियमों के उल्लंघन पर हीरो इलेक्ट्रिक से 133 करोड़ रुपए और ओकीनावा से 116 करोड़ रुपए की वसूली करेगा। इन दोनों ही कंपनियों ने नियम विरुद्ध अपने व्हीकल में इम्पोर्ट कम्पोनेंट का इस्तेमाल किया। जबकि उन कम्पोनेंट को भारत में भी तैयार किया जा सकता था। इन कम्पोनेंट के नाम पर ये कंपनियों ने सब्सिडी ले रही थीं।

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