बैंक लड़खड़ाकर गिरने लगेंगे, बड़ी खबर आने वाली है अमेरिका से, नेगेटिव हुई तो मच जाएगा कोहराम

 
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US Banking crisis : पूरी दुनिया की नजर आज अमेरिका के सेंट्रल बैंक पर है। फेडरल रिजर्व आज ब्याज दरों पर अपना फैसला सुनाएगा। अगर यूएस फेड पहले की तरह आक्रामक होकर ब्याज दरों को बढ़ाता है, तो अमेरिका में 186 बैंकों की शामत आ जाएगी। माना जा रहा है कि फेड ब्याज दर में 0.25 फीसदी का इजाफा कर सकता है।

 

नई दिल्ली। अमेरिका से यूके तक बैंकिंग संकट (Banking crisis) क्या खत्म हो गया है? जवाब है नहीं। उल्टा अगर यूएस फेड (US Fed) आज ब्याज दरों (Interest Rates) में आक्रामक बढ़ोतरी कर देता है, तो अमेरिका में एक के बाद एक बैंक भरभराकर गिरने लगेंगे। इस बैंकिंग संकट की जड़ प्रमुख ब्याज दरों में हुआ इजाफा ही है। महंगाई को काबू करने के लिए अमेरिका का सेंट्रल बैंक यूएस फेड लगातार प्रमुख ब्याज दर में भारी बढ़ोतरी कर रहा है। आज बुधवार को एक बार फिर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों पर फैसला सुनाएगा। पूरी दुनिया की इस फैसले पर नजर हैं। वहीं, वित्तीय संकट से जूझ रहे अमेरिकी बैंकों की तो इस फैसले पर जान अटकी हुई है। अमेरिका में ऐसे 186 बैंक हैं, जो खतरे के निशान पर हैं।

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दो बैंक डूबे, दो डूबते-डूबते बचे
टेक स्टार्टअप्स में निवेश करने वाला अमेरिका का बड़ा बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) सिर्फ 48 घंटों में डूब गया था। इसके बाद सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) बंद हो गया। क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक गिरते-गिरते बचे हैं। क्रेडिट सुइस अपने बचावकर्ता यूबीएस (UBS) के पास जाकर सुरक्षित है। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) के गिरने की काफी ज्यादा संभावना थी। लेकिन 50 फीसदी गिरने के बाद अगले ही दिन इसका शेयर 50 फीसदी चढ़ गया। इन दोनों बैंकों के संभल जाने के चलते मंगलवार को हांगकांग से लेकर लंदन और न्यूयॉर्क तक शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। तो क्या इसके साथ ही बैंकिंग संकट खत्म हो गया है? जवाब है शायद नहीं।

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फेड के फैसले पर पूरी दुनिया की नजर
यूएस फेड की आक्रामक ब्याज दर वृद्धि को लेकर एक्सपर्ट चिंतित हैं। हालांकि, सिलिकॉन वैली के पतन के बाद दुनिया पहली बार फेड अधिकारियों को सुनेगी। आज होने वाली फेड की बैठक जेरोम पॉवेल के करियर की सबसे महत्वपूर्ण मीटिंग होगी। ऐसा माना जा रहा है कि फेड महंगाई पर काबू पाने की अपनी लड़ाई के चलते ब्याज दरों में 0.25 फीसदी का इजाफा कर सकता है। लेकिन मौजूदा बैंकिंग संकट को देखते हुए फेड इस बार ब्याज दरों को नहीं बढ़ाने का फैसला भी ले सकता है। गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने इस हफ्ते अनुमान जताया कि फेड दरों को यथावत रख सकता है।

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क्यों खतरनाक होगा ब्याज दरों में इजाफा
सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के डूबने के पीछे का कारण ब्याज दरों में इजाफा ही है। अमेरिका मार्च 2022 के बाद से आक्रामक होकर प्रमुख ब्याज दर बढ़ा रहा है। अब तक इसमें 4.5 फीसदी का इजाफा हो चुका है। प्रमुख ब्याज दर बढ़ने से सरकारी बॉन्ड जैसी सिक्योरिटीज पर यील्ड बढ़ता है। जैसे-जैसे यील्ड बढ़ता है, पुरानी सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू घटती जाती है। अमेरिका के बैंकों ने अपने एसेट्स का एक अहम हिस्सा बॉन्ड और ट्रेजरी नोट्स जैसी सिक्योरिटीज में निवेश किया हुआ है। ये बॉन्ड तब खरीदे गए थे, जब ब्याज दरें काफी कम थीं। एक साथ ब्याज दरों में भारी इजाफा होने से पहले इश्यू की गई सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू काफी गिर गई। इससे बैंकों को भारी नुकसान हुआ है।

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