Tata का एक और कमाल! 50 लाख कारें बना दी 25 साल में, जानिए कैसे और कब शुरू हुआ ये सफर

Tata Motors के लिए पैसेंजर व्हीकल सेग्मेंट में ये सफर काफी दिलचस्प रहा है। कंपनी ने 25 सालों पहले अपने पैसेंजर व्हीकल के तौर पर Tata Indica का प्रोडक्शन शुरू किया था और आज कंपनी के पोर्टफोलियो में टाटा सफारी, नेक्सॉन, हैरियर जैसे कई मॉडल शामिल हैं।
नई दिल्ली। देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) के लिए आज दोहरी खुशी का मौका है। एक तरफ आज टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) का 183 वां जन्मदिन है और दूसरी ओर टाटा मोटर्स ने आज 50 लाखवीं पैसेंजर कार के प्रोडक्शन की घोषणा की है। Tata Motors ने आज 5 मिलियन पैसेंजर व्हीकल के उत्पादन के आंकड़े को प्राप्त करने की घोषणा की है।
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कंपनी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि, इस सफलता को काफी धूमधाम से कर्मचारियों ने एक अनोखे तरीके से मनाया। जहां टाटा मोटर्स के कर्मचारियों ने कंपनी के कारों और एसयूवी की न्यू फॉरएवर रेंज से जमीन पर '50 लाख' लिखा। इस ऐतिहासिक सफलता पर टिप्पणी करते हुए, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, "आज टाटा मोटर्स के इतिहास में एक जश्न का क्षण है क्योंकि हम अपने 5 मिलियन उत्पादन का जश्न मना रहे हैं। यह एक माइलस्टोन है।
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यह यात्रा, प्रत्येक मिलियन से अगले तक काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। हम हर नए प्रोडक्ट के साथ भारत को बदलते रहे हैं। हम इस उपलब्धि के लिए अपने कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, चैनल पार्टनर्स, ग्राहकों और सरकार को उनके निरंतर सपोर्ट के लिए धन्यवाद देते हैं।"
5 मिलियन माइलस्टोन को सेलिब्रेट करने के लिए, टाटा मोटर्स भारत में ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए एक सेलिब्रेटरी कैंपेन शुरू करेगा। कंपनी ने बताया कि, यह अभियान पूरे महीने चलेगा। संभव है कि, कंपनी इस सफलता के उपलक्ष्य में आने वाले समय में कुछ डिस्काउंट ऑफर इत्यादि भी पेश करे। हालांकि अभी इसके बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है।
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कैसा रहा 50 लाख यूनिट्स का सफर
आपको बता दें कि, टाटा मोटर्स ने साल 1977 में पुणे संयंत्र से अपना पहला वाणिज्यिक वाहन (Comercial Vehicle) रोलआउट किया था, वहीं पहला पैसेंजर व्हीकल साल 1998 में टाटा इंडिका के तौर पर रोलआउट किया गया था। टाटा इंडिका ने भारत में लॉन्च होते ही ग्राहकों के बीच जबरदस्त तूफान ला दिया, इस कार ने कंपनी को एक बेहतर पैसेंजर व्हीकल निर्माता के तौर पर स्थापित किया जो कि आज तकरीबन 25 सालों बाद भी लगातार जारी है। अब तक कंपनी ने बाजार में एक से बढ़कर अलग-अलग सेग्मेंट में कई मॉडलों को पेश किया है, जिसमें टाटा सफारी, टाटा सूमो, टाटा इंडिगो, टाटा हैरियर, टाटा पंच, टाटा नेक्सॉन इत्यादि शामिल हैं।
यदि कंपनी के इस 25 साल के सफर पर गौर करें तो Tata Motors ने 2004 में 1 मिलियन यानी कि 10 लाख पैसेंजर व्हीकल प्रोडक्शन का आंकड़ा पार किया था। इसके बाद 2010 में 20 लाख और 2015 में 3 मिलियन यानी कि 30 लाख का आंकड़ा पार किया। साल 2020 में जब दुनिया भर में कोरोना महामारी ने आतंक मचा रखा था, उस साल कंपनी ने अपनी 4 मिलियनवीं यानी कि 40 लाखवीं कार को लॉन्च किया था।
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टाटा मोटर्स Covid -19 और सेमीकंडक्टर की कमी के संकट के बावजूद, जिसने वैश्विक ऑटोमोटिव उद्योग को त्रस्त कर दिया था, तीन साल के भीतर 4 मिलियन कारों से आगे बढ़कर 5 मिलियन कारों के प्रोडक्शन का आंकड़ा पार किया है। 1998 के बाद से 50 लाख पैसेंजर व्हीकल के प्रोडक्शन के इस आंकड़ें को पार करने में टाटा मोटर्स को 25 साल लगें। बीते कुछ सालों में टाटा मोटर्स ने अपने वाहनों में सेफ्टी, फीचर्स, लुक और डिजाइन पर काफी काम किया है, जिससे पैसेंजर सेग्मेंट में कंपनी की साझेदारी तेजी से बढ़ी है।
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