अमेरिका पर डिफॉल्ट का संकट बढ़ा, रेटिंग घटाने के संकेत दिए फिच ने 

 
fitch rating

अमेरिका के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अगर कर्ज लिमिट नहीं बढ़ाई जाती है तो अमेरिका डिफॉल्टर बन सकता है। अमेरिका के डिफॉल्ट की स्थिति में दुनियाभर के देश प्रभावित हो सकते हैं।

 

नई दिल्ली। कर्ज संकट से जूझ रहे अमेरिका को रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) ने बड़ा झटका दिया है। फिच ने अमेरिका की 'AAA' रेटिंग को निगेटिव वॉच में डाल दिया है। इसके साथ ही क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड करने के भी संकेत दिए हैं। हालांकि, फिच को उम्मीद है कि राजनीतिक सहमति बन जाएगी और कर्ज संकट जल्द ही खत्म हो जाएगा। अगर फिच रेटिंग को डाउनग्रेड करता है तो ट्रेजरी डेब्ट सिक्योरिटीज पर इसका बुरा असर पड़ने की आशंका है।

विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659

डेट सीलिंग पर विवाद
अमेरिका में सरकार डेब्ट सीलिंग यानी कर्ज की लिमिट बढ़ाना चाहती है। यह कर्ज की ऐसी लिमिट है, जिसे हर साल वहां की सदन निर्धारित करती है। अमेरिका सरकार पॉलिसीज, सैलरी आदि पर सदन की अनुमति से कर्ज लेकर पैसे खर्च करती है। चूंकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं और सदन में विपक्ष के रिपब्लिकन के भी सदस्य हैं, तो कर्ज लिमिट को बढ़ाए जाने पर गतिरोध बढ़ गया है। रिपब्लिकन का कहना है कि जो बाइडन सरकार खर्च में कटौती करने की कुछ शर्तों का पालन करेगी तभी कर्ज लिमिट बढ़ाए जाने की मंजूरी दी जाएगी।

यह खबर भी पढ़ें: महिला टीचर को छात्रा से हुआ प्यार, जेंडर चेंज करवाकर रचाई शादी

बढ़ सकता है संकट
अमेरिका के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अगर कर्ज लिमिट नहीं बढ़ाई जाती है तो अमेरिका डिफॉल्टर बन सकता है। अमेरिका के डिफॉल्ट की स्थिति में दुनियाभर के देश प्रभावित हो सकते हैं। यह डिफॉल्ट ज्यादा दिन तक रहता है तो करीब 80 लाख लोगों की नौकरी जा सकती है। वहीं, शेयर बाजार में गिरावट की वजह से निवेशकों को 10 ट्रिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है।

यह खबर भी पढ़ें: 'मेरे बॉयफ्रेंड ने बच्चे को जन्म दिया, उसे नहीं पता था वह प्रेग्नेंट है'

मंदी की ओर जर्मनी 
अमेरिका में बिगड़ते हालात के बीच जर्मनी की इकोनॉमी में मंदी की आशंका है। जर्मनी का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 0.3% गिर गया है। लगातार कई तिमाही से जर्मनी की इकोनॉमी संकुचन में है। मंदी को आमतौर पर संकुचन के लगातार दो तिमाहियों के रूप में परिभाषित किया जाता है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से ऊर्जा संकट का असर इकोनॉमी पर दिख रहा है। 

Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप

From around the web