सुधीर कुमार शर्मा/जयपुर. आपने फिल्म ‘ओ माय गॉड’ में भगवान को नोटिस जारी होने वाले दृश्य देखे होंगे, लेकिन जयपुर में यह हकीकत बन गई है. जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने वैशाली नगर के गांधी पथ पर स्थित एक पार्क में बने शिव मंदिर को अतिक्रमण का नोटिस जारी कर 7 दिन में बाउंड्री वॉल हटाने के निर्देश दिए हैं. मंदिर की बाउंड्री को सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बताते हुए धारा 72 के तहत यह कार्रवाई की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह वही पार्क है, जिसे JDA ने ही विकसित करवाया था और स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि मंदिर और उसकी दीवार भी JDA की ही बनाई हुई है. नोटिस के चस्पा होते ही यह मामला कौतूहल और विरोध का विषय बन गया.
JDA की प्रवर्तन शाखा ने नोटिस की बुक क्रमांक 29 में पार्टी के नाम पर सीधे ‘शिव मंदिर’ लिखा है. नोटिस में यह भी दर्ज है कि गांधी पथ के पीटी सर्वे के अनुसार 1.69 मीटर और 1.56 मीटर तक सड़क सीमा में बाउंड्री वॉल बनाई गई है, जो अतिक्रमण की श्रेणी में आता है. इस कार्रवाई का आधार राजस्थान हाईकोर्ट की DB Civil Petition संख्या 658/2024 में दिया गया आदेश बताया गया है. नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि 7 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाया जाए और किसी प्रकार की आपत्ति होने पर 28 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे सभी दस्तावेज सहित “भगवान शिव” को उपस्थित होना होगा. विशेष बात यह है कि यह नोटिस 21 नवंबर 2025 को जारी किया गया था और जिस प्रवर्तन अधिकारी के हस्ताक्षर दर्ज हैं, उनका मोबाइल नंबर भी लिखकर छोड़ा गया है, हालांकि उस नंबर पर संपर्क नहीं हो पाया.
नोटिस वायरल, स्थानीय लोग भड़क उठे
जैसे ही नोटिस मंदिर की दीवार पर चस्पा किया गया, इलाके में यह खबर तेजी से फैल गई. स्थानीय लोगों ने JDA की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मंदिर JDA ने ही पार्क के साथ बनवाया था और बाउंड्री वॉल भी प्राधिकरण की ही निर्माण एजेंसी ने खड़ी की थी. ऐसे में मंदिर को अतिक्रमणकारी मानकर नोटिस देना समझ से परे है. स्थानीय निवासी पवन सिंह भाटी का कहना है कि JDA पहले खुद निर्माण करता है और फिर उसी पर नोटिस चस्पा कर देता है, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. इस घटना के बाद आसपास के लोग एकजुट होकर JDA के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं और नोटिस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.






