जिम्मी-जनक दीदी की शादी की 37वीं सालगिरह पर खास आयोजन
इंदौर, 26 नवंबर 2025: प्रकृति प्रेम और सस्टेनेबल जीवन के लिए समर्पित जिम्मी एवं जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की संस्थापक श्रीमती जनक मगिलिगन (जनक दीदी) अपनी शादी की 37वीं वर्षगाँठ को एक बार फिर सामाजिक संदेश के साथ मना रही हैं।
सनावदिया स्थित उनके निवास “गिरिदर्शन” में “सस्टेनेबल मैरिज” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवाओं और अभिभावकों को यह समझाना है कि शादी न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि परिवार, समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का पहला कदम भी है।
जनक दीदी ने 27 नवंबर 1988 को चंडीगढ़ में ब्रिटिश बहाई पायनियर श्री जेम्स (जिम्मी) मगिलिगन के साथ परिणय सूत्र में बंधे थे। 21 अप्रैल 2011 को एक सड़क हादसे में जिम्मी के निधन के बाद से जनक दीदी हर साल अपनी शादी की वर्षगाँठ को “सस्टेनेबल मैरिज” थीम के साथ मनाती आ रही हैं।
कार्यशाला का मुख्य फोकस:
– “शादी में कचरा नहीं करना” और “बाद में शादी का कचरा नहीं करना”
– जीरो-वेस्ट वेडिंग कैसे करें
– प्रेम, विश्वास और सम्मान पर टिकी लंबी और सुखी वैवाहिक जीवन की कला
– पर्यावरण और समाज दोनों के लिए सस्टेनेबल परिवार की नींव
इस बार कार्यशाला में सफल सस्टेनेबल शादियों के जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करेंगे:
डॉ. क्षमा पैठणकर, डॉ. यामिनी रमेश, डॉ. वैभव जैन, श्रीमती विद्यावती रावत एवं श्रीमती अंजलि रावत।
कार्यक्रम में इंदौर के सेंट पॉल इंस्टीट्यूट, महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज एवं श्री वैश्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के छात्र-छात्राएँ भी भाग लेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका विदुषी कलापिनी कोमकली होंगी। कार्यशाला का शुभारंभ सुबह 10 बजे होगा।
जनक दीदी का कहना है, “आज क्लाइमेट इमरजेंसी के दौर में अगर हम अपनी शादियों को भी जीरो-वेस्ट और इको-फ्रेंडली बना लें, तो हम अपने बच्चों को एक स्वच्छ और सस्टेनेबल भारत सौंप सकेंगे। सस्टेनेबल मैरिज सिर्फ़ एक जोड़ी की बात नहीं, बल्कि पूरे समाज और धरती माँ के भविष्य की बात है।”
इच्छुक युवा, दंपति एवं अभिभावक कार्यशाला में निःशुल्क भाग ले सकते हैं।






