फरीदाबाद. हरियाणा के फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के आतंकवादियों से तार जोड़ने के बाद यहां रहने वाले फैकल्टी मेंबर्स, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स का पलायन शुरू हो गया है. काफी बच्चे यहां से रोजाना उनके पेरेंट्स आकर लेकर जा रहे हैं तो कुछ अपने आप यहां से निकल रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि कुछ स्टाफ मेंबर्स ने अपना रिजाइन भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को भेज दिया है हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से उनका रिजाइन एक्सेप्ट नहीं किया गया है.
जानकारी के अनुसार, अल फलाह यूनिवर्सिटी की वजह से गांव धौज का नाम बदनाम हुआ और 2001 में गांव का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. गांव के रहने वाले रिटायर्ड एडिशनल सेशन जज अब्दुल माजिद ने यह जानकारी दी और उन्होंने पुलिस और खुफिया विभाग पर भी निशाना साधा. अब्दुल माजिद ने कहा कि महज 1 किलोमीटर दूर थाना है और फिर भी पुलिस को इस टेरर मॉड्यूल की जानकारी क्यों नहीं थी.
वह कहते हैं कि अब धौज गांव को बदनाम किया जा रहा है औऱ यहां पर इससे पहले कभी नहीं कोई ऐसी घटना नहीं हुई है. सभी बिरादरी के लोग आपस में भाईचारे के साथ रहते हैं. माजिद ने कहा कि हाजी मद्रासी ने मुजम्मिल को किराए पर कमरा दिया था, लेकिन उसे ऐसी कोई जानकारी नहीं थी औऱ केवल इतना पता था कि वह एक बड़ा डॉक्टर है. इलाके की आबादी करीब 30 हजार के करीब है. उधऱ, दोपहर बाद फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में एक बार फिर जांच एजेंसी की टीमें पहुंची, ईडी के बाद दिल्ली स्पेशल सेल की गाड़ी भी यूनिवर्सिटी में दाखिल हुई औऱ जांच की,
केंद्र राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने इस मामले पर कहा कि देश में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले किसी भी आतंकवादी को बख्सा नहीं जाएगा. जो भी इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
धौज में मिला था विस्फोटक
गौरतलब है कि धौज गांव में अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल ने किराये पर कमरा लिया था और यहां पर 360 अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक मिला था. इसके अलावा, गांव से तीन चार किमी दूर एक कमरे से 2563 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था.





