जवाहर नवोदय विद्यालय देश में चल रहे खास आवासीय स्कूलों का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसे आमतौर पर एनवी के नाम से जाना जाता है. ये स्कूल केंद्रीय विद्यालय की तरह ही शिक्षा मंत्रालय के अधीन काम करते हैं, लेकिन दोनों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं. सबसे बड़ा फर्क यह है कि नवोदय विद्यालय पूरी तरह आवासीय स्कूल हैं, जहां ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है. छात्रों को पढ़ाई से लेकर रहने और खाने तक की सभी सुविधाएं सरकार उपलब्ध कराती है. वहीं केंद्रीय विद्यालयों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है, लेकिन छात्रों को एक मामूली फीस जमा करनी होती है. आइये जानते हैं नवोदय और केंद्रीय विद्यालय में शिक्षकों को कितनी सैलरी मिलती है.
नवोदय में पूरी तरह नि:शुल्क शिक्षा
जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना ग्रामीण पृष्ठभूमि के मेधावी बच्चों को बेहतर अवसर देने के मकसद से की गई थी, इसीलिए यहां पढ़ने वाले छात्रों से किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाती. सरकार उनकी पढ़ाई, भोजन, हॉस्टल और अन्य आवश्यक खर्च खुद वहन करती है.
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय विद्यालयों में एनरोलमेंट के समय छात्रों को फीस देनी पड़ती है, हालांकि यह राशि अन्य निजी स्कूलों की तुलना में काफी कम होती है. KV और NVS दोनों ही स्कूलों का उद्देश्य क्वालिटी एजुकेशन को सभी तक पहुंचाना है.
KV और NVS में शिक्षक बनने की योग्यता
दोनों संस्थानों, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय में शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवार को कुछ बुनियादी योग्यताओं को पूरा करना जरूरी है. इच्छुक व्यक्ति के पास कम से कम 50% अंकों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए और बीएड भी अनिवार्य है. इसके अलावा CTET क्वालिफाई करना भी जरूरी माना जाता है. भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, इंटरव्यू, डॉक्यूमेंट वैराफिकेशन और मेडिकल टेस्ट शामिल होते हैं.
शिक्षकों को कितनी मिलती है सैलरी?
केंद्रीय विद्यालय (KV) और नवोदय विद्यालय (NVS) में शिक्षकों की तनख्वाह उनकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव के अनुसार तय की जाती है, इसलिए अलग-अलग पदों पर वेतन में अंतर देखने को मिलता है. दोनों संस्थानों KV और NVS के टीचर्स को 7वें वेतन आयोग के नियमों के तहत भुगतान किया जाता है. पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) पद पर कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रति माह लगभग 47,600 रुपये से लेकर 1,51,100 रुपये तक वेतन प्राप्त हो सकता है.






