Liver Health: आजकल लिवर की बीमारियां दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अप्रैल 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) अब लिवर की सबसे आम बीमारी बन चुका है और ये लाखों लोगों को प्रभावित कर रहा है. इसका इलाज और दवाएं बहुत महंगी होती हैं पर अच्छी बात ये है कि आपका खाना और लाइफस्टाइल आपके लिवर की सेहत पर बहुत असर डालते हैं. यानी अगर आप सही फूड्स खाएं और कुछ फूड्स को सीमित करें, तो लिवर को आसानी से बचाया जा सकता है. मतलब साफ है कि आपकी स्थिति लिवर फेलियर तक नहीं पहुंचती है. इसी को समझाते हुए लिवर डॉक्टर के नाम से मशहूर डॉ. साइरिएक एबी फिलिप्स ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कुछ जरूरी बातें बताईं. इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि कौन से फूड्स आपको नहीं खाने चाहिए.
1. मीठी ड्रिंक्स से बनाएं दूरी: सोडा, पैकेज्ड जूस, मीठी चाय या कॉफी जैसी ड्रिंक्स में बहुत ज्यादा चीनी होती है. ये शुगर आपके लिवर में फैट जमा करती है, जिससे समय के साथ फैटी लिवर डिजीज हो सकती है. अगर आपको कुछ मीठा पीना ही है, तो घर पर बिना चीनी वाला फ्रेश जूस या नींबू पानी पिएं.
2. नारियल तेल का इस्तेमाल कम करें: नारियल तेल भारतीय किचन में बहुत पॉपुलर है, लेकिन इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है. ये लिवर में फैट जमा कर सकता है. अगर आप रोजाना खाना बनाते हैं, तो सरसों तेल, ऑलिव ऑयल या मूंगफली तेल जैसे हल्के ऑप्शन चुनें.
3. पाम ऑयल प्रॉडक्ट्स से बचें: पाम ऑयल यानी ताड़ का तेल ज्यादातर फ्राई या पैक्ड फूड में पाया जाता है जैसे बिस्किट, चिप्स, नूडल्स वगैरह. ये तेल भी लिवर में फैट बढ़ाता है और शरीर में सूजन पैदा करता है. बेहतर होगा आप लो प्रोसेस्ड खाना खाएं.
4. घी सीमित करें: मक्खन और घी में भी सैचुरेटेड फैट बहुत होता है. थोड़ी मात्रा में तो ठीक है, लेकिन ज्यादा खाने से लिवर पर दबाव बढ़ सकता है. डॉ. फिलिप्स की सलाह है कि अगर आप लिवर हेल्थ सुधारना चाहते हैं, तो इनका सेवन हफ्ते में कुछ ही बार करें.
शराब से पूरी तरह बचें: डॉ. फिलिप्स के मुताबिक, शराब लिवर की सबसे बड़ी दुश्मन है. ये लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचाती है और अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) का कारण बनती है. अगर आपका लिवर पहले से कमजोर है, तो शराब पीना उसे और खराब कर सकता है.
ब्लैक कॉफी जरूरी पिएं: अगर आप ऐसी ड्रिंक ढूंढ रहे हैं जो लिवर के लिए फायदेमंद हो, तो ब्लैक कॉफी बेस्ट ऑप्शन है. शुगर के बिना ब्लैक कॉफी लिवर सेल्स को सुरक्षित रखती है, फैट जमने से रोकती है और लिवर एंजाइम को बेहतर बनाती है. इसका मतलब है कि रोजाना एक कप ब्लैक कॉफी, लिवर के लिए एक छोटी हेल्थ डोज है.
फैटी लिवर क्या होता है?
बेंगलुरु के सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल के डॉक्टर लॉरेंस पीटर बताते हैं, हमारे लिवर में सामान्य रूप से करीब 5% फैट होता है. जब ये मात्रा बढ़ जाती है, तो इसे फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है. इसका पता अल्ट्रासाउंड से आसानी से लगाया जा सकता है. फैटी लिवर दो तरह का होता है:
AFLD (Alcoholic Fatty Liver Disease)- शराब पीने से होता है
NAFLD (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) – शराब न पीने वालों में होता है. ये मोटापे, डायबिटीज या मेटाबॉलिक समस्याओं के कारण होता है.
अब डॉक्टर इसे एक नए नाम से बुला रहे हैं और वो MASLD (Metabolic dysfunction-associated steatotic liver disease) है.
ध्यान देना क्यों ध्यान जरूरी?
शुरुआती स्टेज पर फैटी लिवर में ज्यादातर लोगों को कोई लक्षण नहीं दिखते. कभी-कभी भारी खाना खाने के बाद पेट के दाहिने हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है. लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो यह सूजन, फाइब्रोसिस या सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.






