राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत 12 नवम्बर को जयपुर आएंगे. डॉ. भागवत 5 दिवसीय प्रवास के दौरान जयपुर में समाज के प्रमुख लोगों के साथ ही स्वयं सेवकों से संवाद करेंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो गए हैं. संघ की ओर से इस वर्ष को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. शताब्दी वर्ष में संघ की ओर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. इन कार्यक्रमों के तहत संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का देशभर में प्रवास है. इस कड़ी के तहत ही डीआर भगवत 12 नवंबर को जयपुर प्रवास पर आ रहे हैं. दो भागवत 16 नवंबर तक जयपुर में संघ के शताब्दी वर्ष पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के शिरकत करेंगे. अपने पांच दिवसीय प्रवास के दौरान डॉ मोहनराव भागवत न्यू कॉलोनी स्थित भारती भवन में ठहरेंगे.
पहले ही दिन समाज के प्रमुख लोगों से संवाद
डॉ मोहन भागवत 12 नवंबर किस जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. इसके बाद भागवत का विधानसभा के पीछे कांस्टीट्यूशन क्लब में प्रमुख लोगों से मिलने का कार्यक्रम है. इसमें समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वाले समाज के प्रमुख लोग मौजूद रहेंगे. भागवत समाज और देश की वर्तमान काल परिस्थितियों को लेकर संवाद करेंगे.
एकात्म मानववाद पर संगोष्ठी को करेंगे संबोधित
जयपुर प्रवास के दौरान 15 नवंबर को डॉक्टर मोहन भागवत एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर हर साल होने वाले संगोष्ठी को संबोधित करेंगे. 15 नवंबर शाम 5:30 बजे SMS इंडोर स्टेडियम में एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. डॉ भागवत ‘वर्तमान वैश्विक परिदृश्य एवं एकात्मक मानव दर्शन’ विषय पर अपना संबोधन देंगे.
प्रचारकों के जीवन पर आधारित ग्रंथ का लोकार्पण
डॉ भागवत 16 नवम्बर को दिवंगत संघ प्रचारकों के जीवन तपस्या और कार्यों पर आधारित ग्रन्थ “ और यह जीवन समर्पित” के विमोचन समारोह में उपस्थित रहेंगे. ग्रंथ में राजस्थान के दिवंगत प्रचारकों के व्यक्तित्व व कृतित्व को लेकर लिखा गया है. मालवीय नगर पाथेय कण संस्थान सभागार में सुबह 10 बजे आयोजित विमोचन समारोह में डॉ भागवत अपने विचार रखेंगे.
स्वयंसेवकों से करेंगे सीधा संवाद
डॉ. भागवत अपने प्रवास के दौरान संघ स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे. भागवत इनकी विभिन्न समूहों की बैठके लेंगे और अनौपचारिक संवाद भी करेंगे. इस दौरान संघ कार्यों को लेकर बातचीत करेंगे.
गौरतलब है कि विजयदशमी के दिन 1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवकसघ की स्थापना की थी. इसके बाद इस साल 2025 में विजयदशमी के दिन संघ स्थापना को सौ साल पूरे हो गए हैं. शताब्दी वर्ष मे संघ की और से समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए पांच विभिन्न कार्यक्रम हाथ में लिए गए हैं. सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्य शामिल है.






