जीभ (Tongue) हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। जो न सिर्फ स्वाद चखने में मदद करती है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य का आईना भी कहा जाता है। जब भी हम बीमार पड़ते हैं, तो सबसे पहले जीभ पर इसका असर देखने को मिलता है। जीभ का रंग फीका, बेस्वाद या सूजनयुक्त हो जाना इस बात का संकेत है कि शरीर के अंदर काभी कुछ गड़बड़ चल रही है। तो आइए जानते हैं डॉक्टर उपासना वोहरा से इस बारे में।
आयुर्वेदिक डॉक्टर उपासना वोहरा बताती हैं कि हमारी जीभ सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बताती, बल्कि यह हमारे लिवर (Liver) की स्थिति का भी संकेत देती है। जब लिवर में कोई असंतुलन होता है, तो इसके शुरुआती लक्षण जीभ पर दिखाई देने लगते हैं। अगर आपकी जीभ अचानक मोटी होने लग जाए, और उस पर लंबी-लंबी दरारें (Cracks) दिखने लगें, तो यह एक गंभीर चेतावनी हो सकती है। ये दरारें ऐसे होती हैं जैसे किसी ने जीभ पर हल्का-सा कट लगा दिया हो, हालांकि इनमें दर्द नहीं होता। कई बार जीभ की सूजन इतनी बढ़ जाती है कि खाना निगलने में भी परेशानी महसूस होने लगती है।
मसाले या पानी से जलन का एहसास
जब जीभ पर ये क्रैक्स बढ़ने लगते हैं, तो पानी, मसालेदार या खट्टा खाना चुभने लगता है। कई बार व्यक्ति को बार-बार मुंह में पानी आने की समस्या भी होती है। यह स्थिति बताती है कि लिवर की कार्यक्षमता कमजोर हो रही है और तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
लिवर की बीमारी का संकेत
डॉक्टर उपासना वोहरा के अनुसार, अगर आपकी जीभ में ऐसे बदलाव दिखें, तो यह फैटी लिवर (Fatty Liver), लिवर सिरोसिस (Cirrhosis) या किसी संक्रमण (Infection) का संकेत हो सकता है। जब लिवर में वसा बढ़ जाती है, तो उसका असर शरीर के कई हिस्सों पर दिखता है, लेकिन सबसे पहले जीभ इसका इशारा देती है।
लिवर को स्वस्थ रखने का घरेलू नुस्खा
आयुर्वेद में लिवर को मजबूत करने के लिए कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं। डॉक्टर उपासना वोहरा सुझाव देती हैं कि जिन लोगों की जीभ पर ऐसे लक्षण हैं या जिनके लिवर में समस्या पाई गई है, वे रोजाना कच्ची मूली और उसके पत्तों का सेवन करें। मूली और इसके पत्ते लिवर को डिटॉक्स करने का काम करते हैं और पाचन शक्ति को भी बढ़ाते हैं। आप चाहें तो मूली के पत्तों का जूस निकालकर सुबह खाली पेट पी सकते हैं। इससे लिवर की सफाई होती है, सूजन कम होती है और धीरे-धीरे जीभ की स्थिति भी सामान्य होने लगती है।






