इंदौर, 04 नवंबर 2025: ज्ञान प्रबोधिनी गुरुकुल, निगड़ी (पुणे) के छात्रों ने इंदौर जिले के सनावदिया गांव में पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन से पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के स्वदेशी गुर सीखे। ‘मातृभूमि परिचय शिविर’ के तहत यह शैक्षणिक यात्रा छात्रों को समाजसेवा, पर्यावरण और आत्मनिर्भरता का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने के लिए आयोजित की गई थी।
छात्रों का दल जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट का भ्रमण करने पहुंचा, जहां जनक ताई ने स्नेहपूर्ण स्वागत किया। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण, वर्षाजल संचयन, जैविक खेती, सोलर कुकिंग, सोलर ड्रायर, रासायनमुक्त रंग, जैव विविधता और कचरामुक्त-बाजारमुक्त जीवनशैली का जीवंत प्रदर्शन किया। ताई ने बताया कि ये तरीके परिवार, समुदाय और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे संयमित, सात्विक और स्वस्थ जीवन संभव हो जाता है।
छात्रों ने पूरे मनोयोग से ताई की बातें सुनीं और इन कौशलों को अपनाने का संकल्प लिया। उन्होंने ताई के जीवन में धैर्य, समर्पण, दृढ़ता, अथक परिश्रम, निर्भीकता और सहजता को महसूस किया। चर्चा के दौरान छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण में अपने योगदान पर विचार विमर्श किया।
इस अविस्मरणीय भेंट के आयोजन में श्रीमती वृषालीताई पंडित का विशेष योगदान रहा। उनके मार्गदर्शन से यह शैक्षणिक संवाद सफल हुआ। समूह समन्वयक शुभम गायकवाड़ ने कहा, “यह प्रवास हमें राष्ट्र निर्माण में पर्यावरणीय चेतना और सामाजिक उत्तरदायित्व की महत्ता सिखाता है। जनक ताई का कार्य शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक है।”
यह यात्रा छात्रों को स्वदेशी ज्ञान से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।






