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November 14, 2025 4:12 am

गोपीचंद हिंदुजा का निधन: हिंदुजा ग्रुप चेयरमैन का 85 में लंदन में इंतकाल, चर्चिल के WWII मुख्यालय को रैफल्स होटल में बदला – विरासत में इतिहास और लग्जरी का संगम!

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हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में मंगलवार कों लंदन में निधन हो गया. उनका कारोबार बैंकिंग, तेल से लेकर रियल एस्टेट में छाया हुआ है. गोपीचंद पी. हिंदुजा ने लंदन के कार्लटन हाउस टेरेस (बकिंघम पैलेस के पास) को £350 मिलियन में विंस्टन चर्चिल के WWII मुख्यालय को 5-स्टार होटल (रैफल्स लंदन) में बदल दिया था.

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का पुराना युद्ध कार्यालय अब एक शानदार लग्जरी होटल के रूप में देखा जाता है. इस प्रोजेक्ट पर हिंदुजा ग्रुप ने साल 2023 में आम लोगों के लिए खोला. इस भवन की दीवारों ने वो पल देखे हैं जब युद्ध के सबसे कठिन निर्णय लिए जाते थे. लेकिन लगभग एक सदी बाद, इसी जगह से एक नई कहानी शुरू की गई जिसे इतिहास और लग्ज़री का संगम माना गया.

भव्यता और शाही लुक के लिए मशहूर

2023 में इसे बनाने से पहले भारतीय मूल के हिंदुजा ग्रुप ने करीब 10 साल पूर्व ही इस इमारत को ब्रिटिश सरकार से खरीदा था. उनका उद्देश्य था इसे फिर से जीवंत करना, लेकिन एक नए रूप में. उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत को लग्ज़री होटल में बदलने का फैसला लिया. इसके लिए उन्होंने दुनिया की मशहूर हॉस्पिटैलिटी ब्रांड Raffles Hotels & Resorts के साथ साझेदारी की.
1906 में बनी यह इमारत ब्रिटिश डिजाइन विलियम यंग की डिजाइन का एक बेहतरीन उदाहरण है. इसकी भव्यता और शाही लुक को बरकरार रखते हुए हिंदुजा ग्रुप ने इसमें आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया. पुराने दौर की सुंदरता और नए जमाने की तकनीक, दोनों को जोड़ने की यह कोशिश अपने आप में इसे खास बनाती है.

रैफल्स लंदन की खासियत

होटल में लगभग 120 शानदार गेस्ट रूम और सुइट्स बनाए गए हैं. इसके अलावा 85 लग्ज़री अपार्टमेंट्स, 9 रेस्तरां, और 3 बार भी हैं. हर कमरे का डिजाइन ऐसा है जो बीते ब्रिटिश इतिहास की झलक देता है, लेकिन आराम पूरी तरह आधुनिक है. यह सिर्फ एक होटल नहीं, बल्कि एक अनुभव है, जहां इतिहास को महसूस किया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई साल लगे. हिंदुजा ग्रुप की टीम ने इस बात का खास ध्यान रखा कि इमारत की पुरानी पहचान को नुकसान न पहुंचे. छोटे-छोटे पत्थरों से लेकर दीवारों की नक्काशी तक को सावधानी से बहाल किया गया.
निर्माण कार्य के दौरान कई बार पुराने युद्धकाल केडॉक्यूमेंट्स और ऐतिहासिक वस्तुएं भी मिलीं, जिन्हें अब होटल के विशेष हिस्सों में प्रदर्शित किया जाएगा. Old War Office का यह नया रूप — “Raffles London at The OWO” — अब उन लोगों के लिए खुला है जो इतिहास, कला और विलासिता का संगम एक ही जगह देखना चाहते हैं. कभी जहां युद्ध की योजनाएं बनती थीं, आज वहीं दुनिया भर से आने वाले मेहमान सुकून और शाही ठाठ का आनंद ले रहे हैं.
अब ये इमारत अपने नए रूप में दुनिया के सामने है, तो यह सिर्फ एक होटल नहीं, बल्कि भारत और ब्रिटेन के साझा इतिहास का प्रतीक बन गई है. हिंदुजा ग्रुप ने यह दिखा दिया कि व्यवसाय सिर्फ मुनाफे का माध्यम नहीं होता, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहरों को संजोने और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का जरिया भी बन सकता है.
DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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