अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे हरियाणा के 50 युवकों को डिपोर्ट कर भारत भेजा गया है। सभी के हाथ और पैरों में हथकड़ी लगी हुई थी। हवाई जहाज शनिवार शाम दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा था। वहां से हरियाणा के अलग-अलग जिलों की पुलिस इन युवकों को अपने साथ ले गई। यह सभी डंकी रूट से अमेरिका गए थे। इनमें सबसे ज्यादा कैथल जिले के 14 युवक हैं। इससे पहले फरवरी 2025 में कैथल के 12 युवक अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए थे। तीन नवंबर को भी अमेरिका से एक जहाज आएगा।
कोई जमीन बेच तो कोई लोन ले कर गया था
जो युवक डिपोर्ट होकर आए हैं उनके पास सामान का एक-एक बैग ही था। इनको अमेरिका के कैंपों में रखा गया था। ज्यादातर युवक पनामा के जंगलों, निकारो, ग्वाटेमाला से होते हुए अमेरिका पहुंचे थे। कुछ युवक ऐसे थे जो पहले छोटे देशों में गए और वहां से डंकी के रास्ते अमेरिका गए थे। युवकों ने डंकी से अमेरिका जाने के लिए 50 से 70 लाख रुपए खर्च किए थे। किसी ने जमीन बेची तो किसी ने लोन पर पैसे लिए थे।
डिपोर्ट होकर कैथल लौटे नरेश कुमार ने बताया कि गांव की अपनी करीब एक एकड़ जमीन बेच कर 42 लाख रुपए और बकाया पैसे ब्याज पर उठाए थे। पैसे लेने के बाद भी एजेंटों ने दूसरे बॉर्डर से अमेरिका भेजा और वहां पहुंचते ही पुलिस ने पकड़ लिया। इसके बाद से मैं जेल में ही था। अमेरिका की जेलों और कैंपों में काफी संख्या में भारतीय बंद हैं। अभी बहुत से जहाज भारत आने हैं। मैं तो युवाओं को यही कहूंगा कि कोई भी युवा डंकी के रास्ते से अमेरिका न जाए।
अभी तक किसी ने नहीं दी शिकायत
डीएसपी ललित यादव ने बताया कि कागजी कार्रवाई और पूछताछ करने के बाद 14 में से 13 युवकों को परिजनों के हवाले कर दिया गया। एक युवक पर राजौंद थाना में शराब तस्करी का केस दर्ज था और उसे किठाना चौकी पुलिस अपने साथ ले गई थी। कागजी प्रक्रिया के बाद नरेश को भी छोड़ दिया गया था। अभी तक किसी युवक ने एजेंट के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। अगर कोई युवक एजेंट के विरुद्ध शिकायत देता है तो कार्रवाई की जाएगी।






