आज Dhanteras के मौक पर यम का दीपक जलाते हैं, वहीं नरक चतुर्दशी यानि Choti diwali पर भी यमराज के लिए दीपक जलाया जाता है. धनतेरस पर यम के लिए दीया जलाने के महत्व का वर्णन पद्मपुराण और स्कंद पुराण में भी मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धन त्रयोदशी पर प्रदोष काल में यमराज के लिए दीया जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है. मृत्यु के बाद यमराज का भय नहीं रहता है. आज धनतेरस पर यम का दीया जलाने का मुहूर्त क्या है? यम का दीपक जलाने की विधि
धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को मनाते हैं. ऐसे में आज धनतेरस की त्रयोदशी तिथि दोपहर 12:18 पी एम से शुरू होगी और कल यानि 19 अक्टूबर को दोपहर 01:51 पीएम तक रहेगी.
धनतेरस पर यम का दीया जलाने का मुहूर्त
आज धनतेरस पर यम का दीया जलाने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 48 मिनट से शाम 07 बजकर 04 मिनट तक है. यमराज के लिए दीप जलाने का मुहूर्त 1 घंटा 16 मिनट का है.
यम का दीया जलाने की विधि
- धनतेरस की शाम मिट्टी का एक चौमुखा दीया लें. उसे पानी से धोकर सुखा लें. इससे वह दीपक अच्छे से जलेगा.
- आज शाम 05 बजकर 48 मिनट पर यम के लिए दीपक जलाएं. दीपक में सरसों का तेल भर लें.
- अब उस चौमुखे दीपक में 4 बत्ती लगाएं. मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह, त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम. इस मंत्र को पढ़ते हुए दीपक जलाएं.
- इस दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें. दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी गई है.
यम का दीया जलाने का महत्व
- जो व्यक्ति धनतेरस की शाम में यम का दीपक जलाता है, उस पर मृत्यु के देवता यमराज खुश होते हैं.
- यमराज की कृपा से उस व्यक्ति को अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है. उसकी असमय मृत्यु नहीं होती है.
- यम का दीपक जलाने से आयु, सेहत, सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है.
- यम का दीया जलाने से परिवार के सदस्यों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं होता है. वे बुरी नजर से बच जाते हैं.
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