दिवाली पर जयपुर की चारदीवारी क्षेत्र में सबसे ज्यादा रौनक रहती है, खास तौर पर दिवाली के अवसर पर पूरे चारदीवारी बाजार में जयपुर की सबसे भव्य सजावट होती है. ऐसी खास सजावट राजस्थान के किसी और शहर में देखने को नहीं मिलती. हर साल दिवाली से 10 से 12 दिन पहले लोग इस सजावट के काम में जुट जाते हैं, तब जाकर दिवाली पर जयपुर जुगनू की तरह चमकता है. इस बार जयपुर के बाजारों में “ऑपरेशन सिंदूर” थीम पर विशेष सजावट होगी, जिसमें सेना के शौर्य से लेकर भारतीय विमानों की अद्भुत झलक देखने को मिलेगी. इस बार दिवाली पर जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र के मुख्य बाजारों जैसे कि एमआई रोड, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, चांदपोल, गणगौर, त्रिपोलिया और रामगंज में अलग-अलग प्रकार की सजावट देखने को मिलेगी.
चारदीवारी बाजार की छोटी चौपड़ पर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों की विशेष सजावट की है. बाजार में जयपुर के मुकुट के रूप में जानी जाने वाली इमारत हवा महल की तरह एक छोटा हवा महल तैयार किया गया है, जो लोगों को दूर से ही दिखाई देगा और रात में लाइटिंग से चमक उठेगा. इसके अलावा, छोटी चौपड़ पर भारत की आकाश शक्ति के प्रतीक रूप में 15×45 फीट लंबा युद्धपोत (वॉरशिप), 12×10 फीट चौड़ा राफेल विमान, घूमता हुआ रडार, आकाश में उड़ती दो महिला पायलटों द्वारा संचालित लड़ाकू विमान, और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल की झलक भी सजावट में देखने को मिलेगी.
दिवाली पर जयपुर की सजावट छह दिनों तक चलती है, जिसके लिए इस बार 18 अक्टूबर को लाइटिंग का स्विच ऑन किया जाएगा. हर साल दिवाली से पहले ही जयपुर में सजावट का काम शुरू हो जाता है, क्योंकि सभी बाजारों में सजावट के लिए लगभग 10 से 12 दिन का समय लगता है. इस बार दीपावली की सामूहिक सजावट के साथ-साथ “ऑपरेशन सिंदूर” थीम पर आधारित झांकियों के निर्माण के लिए विशेष रूप से बंगाल से 50 कारीगर बुलाए गए हैं, जो करीब डेढ़ महीने से झांकियों के काम में जुटे हुए हैं.






