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October 15, 2025 12:50 pm

जयपुर में नर्स नेता मनोज दुब्बी का अनुकरणीय कार्य: जन्मदिवस पर 26वीं बार किया रक्तदान, जरूरतमंद मरीज को मिली नई जिंदगी

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जयपुर, 15 अक्टूबर 2025: सेवा और मानवता का प्रतीक बन चुके राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष मनोज दुब्बी ने अपने जन्मदिवस पर एक बार फिर से निस्वार्थ भाव से रक्तदान का संकल्प निभाया। बुधवार को उन्होंने 26वीं बार रक्तदान कर न केवल अपनी परंपरा को जीवंत रखा, बल्कि एक जरूरतमंद मरीज की जान बचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह घटना समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का एक जीवंत उदाहरण बन गई है।

सवाई मानसिंह चिकित्सालय (एसएमएस) के ब्लड बैंक में आयोजित इस कार्यक्रम में दुब्बी ने अपने जन्मदिवस को सामान्य उत्सव के बजाय सेवा दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर नर्सिंग अधीक्षक बन्ने सिंह मीना, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. भीम सिंह मीणा, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर रतिराम यादव, महावीर रामकिशोर, रायपुरिया, प्रदीप अवस्थी, ओमप्रकाश, अंशु गर्ग, सुनीता बैरवा, रिंकू बेनीवाल, मंटू लाल मीणा, संदीप, प्रहलाद सिंह मीणा, हंसराज, जयपुर जिला अध्यक्ष प्रदीप निम्रोट तथा जिला अध्यक्ष हरि सिंह भाटी सहित बड़ी संख्या में नर्सिंगकर्मी और संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने दुब्बी के इस पुण्य कार्य की सराहना की और रक्तदान को जीवन रक्षा का सर्वोत्तम माध्यम बताया।

कार्यक्रम के दौरान प्रहलाद सिंह मीणा और संदीप मीणा ने बताया कि एसएमएस चिकित्सालय के कॉटेज वार्ड में भर्ती झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी निवासी विधवा देवी को रक्त की अत्यंत आवश्यकता थी। उनकी हालत गंभीर होने के कारण समय पर रक्त उपलब्ध न होने से खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में मनोज दुब्बी ने बिना किसी हिचकिचाहट के आगे आकर रक्तदान किया। उन्होंने कहा, “रक्त किसी कंपनी में नहीं बनता, यह केवल आप और हम जैसे दानवीरों के सहयोग से ही उपलब्ध होता है। एक यूनिट रक्त से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।” दुब्बी ने इस मौके पर सभी से अपील की कि वे नियमित रक्तदान को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं, खासकर जन्मदिवस या विशेष अवसरों पर।

राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के इस समर्पित नेता ने वर्षों से रक्तदान को अपनी जन्मदिवस परंपरा बना रखा है, जो न केवल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रेरणा स्रोत है, बल्कि आमजन को भी सेवा भाव जागृत करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, रक्तदान एक सुरक्षित और दर्दरहित प्रक्रिया है, जो दानकर्ता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर रक्त की कमी से प्रतिवर्ष लाखों लोगों की जान जा रही है, और ऐसे स्वैच्छिक दान ही इस कमी को पूरा कर सकते हैं।

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि छोटे-छोटे प्रयास कैसे बड़े बदलाव ला सकते हैं। दुब्बी का यह कार्य निश्चित रूप से युवाओं और सामाजिक संगठनों के लिए अनुकरणीय बनेगा। एसोसिएशन ने आगामी दिनों में राज्यव्यापी रक्तदान शिविर आयोजित करने की योजना भी बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस नेक कार्य से जुड़ सकें।

(हिंदुस्तान समाचार सेवा)

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

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