Explore

Search

October 14, 2025 8:42 pm

तेजस्वी की दिल्ली यात्रा बेनतीजा, कांग्रेस से सीटों पर नहीं बनी बात

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

बिहार के महागठबंधन में सीट बंटवारा को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस का मतभेद गंभीर हो गया है। राजद नेता तेजस्वी यादव सोमवार को पूरे दिन दिल्ली में रहे, लेकिन कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से ही मुलाकात हो पाई। बैठक में बिहार कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहे। राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे से तेजस्वी यादव की मुलाकात नहीं हुई और वो रात में पटना लौट आए। पटना पहुंचकर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि महागठबंधन एकजुट है और एक-दो दिन में सीट बंटवारा हो जाएगा। दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी इसी तरह की बात कही। मतलब, बात भले बन नहीं रही है, लेकिन टूटी भी नहीं है।

तेजस्वी यादव के दिल्ली छोड़ते ही राजद के सांसद मनोज झा ने संबंध झटके से नहीं तोड़ने और टूटे संबंध फिर जुड़ने पर भी गांठ रह जाने वाली शायरी एक्स पर पोस्ट कर दी। उसके ऊपर से यह भी लिख दिया कि ये हर अवसर के लिए प्रासंगिक है। इसके बाद तो आधी रात तक सोशल मीडिया पर कांग्रेस और राजद के नेता शायरी की जंग लड़ते रहे। कोई प्रेम का दरिया समझाने लगा तो कोई आंख का पानी खोजने लगा। कुछ समर्थक अहसान भी गिनाने लगे।

शुरुआत राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने रहीम के एक दोहे से की और लिखा- “रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय; टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ परिजाय। हर अवसर के लिए प्रासंगिक… जय हिन्द।” कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने मनोज झा को अब्बास ताबिश का शेर दे मारा और लिखा- “पानी आंख में भर कर लाया जा सकता है, अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है।” इसके बाद तो मुशायरा शुरू हो गया।

युवा कांग्रेस के चर्चित अध्यक्ष रहे बीवी श्रीनिवास ने मनोज झा को लिखा- “शहर में आग है, मगर राख में अब भी रूह है; कुछ लोग हैं, जो मोहब्बत को ज़िंदा रखे हुए हैं।” कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक मनोज झा को खुसरो का दोहा सुनाने आईं और लिखा- “खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी बा की धार; जो उतरो सो डूब गया, जो डूब गया सो पार। ‘ठगबंधन’ को हराने के लिए प्रासंगिक। जय हिन्द।” रागिनी नायक को जवाब देने राजद के प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु कूदे और कबीर का दोहा दे मारा और लिखा- “प्रेम न बारी उपजे, प्रेम न हाट बिकाय; राजा प्रजा जो ही रुचे, सिस दे ही ले जाय।” शेर और दोहे की लड़ाई जारी है।

वैसे, सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस या राजद की तरफ से अभी तक कोई नेगेटिव बयान तो नहीं आया है। लेकिन कांग्रेस नेता जिस तरह के शेर और दोहे से मनोज झा को जवाब दे रहे हैं, उससे ये संकेत स्पष्ट मिल रहा है कि सब ठीक नहीं है। गठबंधन कितना ठीक या कितना खराब है, यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि शायरी की जंग लड़ रहे ज्यादातर नेता संगठन का काम नहीं देखते हैं। सीट बंटवारे की बात करने वाले लोग इससे दूर हैं। चार दिन बाद पहले चरण का नामांकन खत्म हो जाएगा। बिना सीट बंटवारे के सिंबल बंटना शुरू हो चुका है। संगठन के लोग कई दिन से कह रहे हैं कि एक-दो दिन में हो जाएगा, लेकिन वो दूसरा दिन आ ही नहीं रहा है।

Pooja Reporter
Author: Pooja Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर