सोमवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और क्षेत्रीय नेताओं ने एक ऐतिहासिक गाजा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत बंधक कैदी आदान-प्रदान हुए जो ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह घटनाक्रम युद्धविराम लागू होने और इजरायली सेनाओं के एक पूर्व-निर्धारित रेखा तक पीछे हटने के सिर्फ तीन दिन बाद हुआ। हालांकि, स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है और अगले कदमों को लेकर महत्वपूर्ण सवाल बरकरार हैं।
नाजुक विश्वास और मध्यस्थता की चुनौतियां
इजरायल और हमास के बीच विश्वास की भारी कमी है। कतर की राजधानी दोहा में कई असफल, अप्रत्यक्ष वार्ताओं के बाद मिस्र और कतर की मध्यस्थता से युद्धविराम तक पहुंचा गया। समझौते के शुरुआती चरणों में हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी जीवित और मृत बंधकों की रिहाई, इजरायल में हिरासत में लिए गए सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति में वृद्धि, और इजरायली सेनाओं का गाजा के प्रमुख शहरों से आंशिक रूप से पीछे हटना शामिल है। मिस्र के विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इजरायल और हमास समझौते के पहले चरण को पूरी तरह लागू करें ताकि दूसरे चरण की वार्ता शुरू हो सके। सोमवार शाम तक, सभी जीवित बंधक इजरायल वापस आ चुके थे, लेकिन कई मृत बंधकों के अवशेष अभी भी गाजा में हैं।
आने वाली चुनौतियां
समझौते के बाद के चरणों में कई अहम बातें शामिल हैं। गाजा में युद्ध के बाद शासन, इजरायल की हमास को निशस्त्र करने की मांग (जिसे हमास ने खारिज कर दिया है) और फिलिस्तीनियों की स्वतंत्र राष्ट्र की मांग जैसे जटिल मुद्दों को हल करना होगा, जिसे वर्तमान इजरायली सरकार ने अस्वीकार कर दिया है। इन मुद्दों पर वार्ता टूट सकती है और इजरायल ने संकेत दिया है कि यदि उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह सैन्य अभियान फिर से शुरू कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप की युद्ध समाप्त करने की योजना में यह भी निर्धारित किया गया है कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदार एक नई फिलिस्तीनी सुरक्षा बल के गठन के लिए काम करेंगे।
पुनर्निर्माण एक और बड़ी चुनौती होगी। विश्व बैंक और मिस्र द्वारा प्रस्तावित युद्धोत्तर योजना के अनुसार, गाजा के तबाह हुए क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए कम से कम 53 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी। मिस्र भविष्य में एक पुनर्निर्माण सम्मेलन की मेजबानी करने की योजना बना रहा है।
हमास के निशस्त्रीकरण पर विवाद
सबसे जटिल मुद्दों में से एक इजरायल की यह मांग है कि कमजोर हुए हमास को पूरी तरह निशस्त्र कर दिया जाए। हमास ने इसका विरोध किया है और चाहता है कि इजरायल अपनी सेनाओं को गाजा से पूरी तरह हटा ले। अब तक, इजरायली सेना गाजा सिटी, दक्षिणी शहर खान यूनिस और अन्य क्षेत्रों से पीछे हट चुकी है, लेकिन इजरायली अधिकारियों के अनुसार, वह अभी भी गाजा के लगभग 53% हिस्से पर नियंत्रण रखती है। सेना रफाह के अधिकांश हिस्से और गाजा के उत्तरी कस्बों और गाजा-इजरायल सीमा के साथ एक विस्तृत पट्टी में मौजूद है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल “हमास के चारों ओर फंदा कस रहा है” और गाजा को निशस्त्र करने की कसम खाई। शांति योजना को मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमास निशस्त्र होगा और गाजा को निशस्त्र किया जाएगा। अगर यह आसान तरीके से हो सकता है, तो बहुत अच्छा; अगर नहीं, तो इसे कठिन तरीके से हासिल किया जाएगा।”
गाजा के शासन पर असहमति
इजरायल और हमास गाजा के युद्धोत्तर शासन पर सहमत नहीं हैं। अमेरिकी योजना के तहत, एक अंतरराष्ट्रीय निकाय को फिलिस्तीनी क्षेत्र का शासन करना है जो दैनिक मामलों को चलाने वाले फिलिस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी करेगा। हमास और अन्य गुटों की गाजा के शासन में कोई भूमिका नहीं होगी। योजना में अंततः फिलिस्तीनी नेता महमूद अब्बास की फिलिस्तीनी अथॉरिटी के लिए एक भूमिका की परिकल्पना की गई है- जिसका नेतन्याहू ने लंबे समय से विरोध किया है। लेकिन इसके लिए अथॉरिटी, जो वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों का प्रशासन करती है उसको व्यापक सुधार कार्यक्रम से गुजरना होगा और इस प्रक्रिया के लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई है।
हमास ने कहा है कि गाजा का शासन फिलिस्तीनियों के बीच तय होना चाहिए। समझौता एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र को “फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षा” के रूप में मान्यता देता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्र की स्थापना पर चर्चा कब या कैसे होगी। नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि वह फिलिस्तीनी राष्ट्र के निर्माण की अनुमति नहीं देंगे।