हिन्द महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित द्वीपीय देश मेडागास्कर में हफ्ते तक चले युवाओं के उग्र विरोध-प्रदर्शन के बाद वहां के राष्ट्रपति आंद्रे राजोएलिना देश छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। राजोएलिना ने एक दिन पहले ही रविवार को दावा किया था कि सेना की मदद से देश में तख्तापलट की कोशिशें हो रही हैं। जेन-Z के ताजा विद्रोह और सत्ता में शीर्ष पद पर बैठे अधिकारी द्वारा पद छोड़ने का यह नवीनतम उदाहरण है। पिछले महीने नेपाल में भी जेन-जेड ने इसी तरह का भारी विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद वहां के पीएम ने कुर्सी छोड़ दी थी।
रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल के अनुसार, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अनुरोध पर रविवार को एक फ्रांसीसी सैन्य विमान ने राष्ट्रपति आंद्रे राजोएलिना को वहां से सुरक्षित निकाला है। इससे पहले मेडागास्कर स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने पहले अपने पूर्व उपनिवेश में किसी भी सैन्य हस्तक्षेप से इनकार किया था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय और विदेश मंत्रालय ने इस पर टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।
पानी-बिजली की कमी पर शुरु हुआ था प्रदर्शन
बता दें कि तथाकथित जेनरेशन ज़ेड प्रदर्शनकारियों द्वारा पिछले महीने पानी और बिजली की कमी को लेकर प्रदर्शन शुरू किया गया था, तब हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए खे। उस दौरान युवाओं की सुरक्षा बलों के साथ झड़पें भी हुईं थीं, जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई थी। ये युवा देश में बुनियादी सेवाओं की कमी और सरकारी भ्रष्टाचार को लेकर सरकार से नाराज थे । युवाओं को गुस्से और प्रदर्शन का यह दौर मोरक्को, इंडोनेशिया, नेपाल और केन्या जैसे देशों में सत्ताधारी अभिजात वर्ग के खिलाफ हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाता है।
पहली बार 2009 में सत्ता पर काबिज हुए थे राजोएलिना
राजोएलिना ने पहली बार 2009 में सेना के समर्थन से सत्ता हथियाई थी। हालांकि, उन्होंने 2014 में पद छोड़ दिया था लेकिन 2018 में चुनाव जीतकर राष्ट्रपति पद पर फिर से कब्ज़ा कर लिया और फिर 2023 में एक विवादित मतदान में एक और कार्यकाल हासिल कर लिया था। लेकिन हालिया विरोध-प्रदर्शन की वजह से 51 वर्षीय राजोएलिना सत्ता से दूर हो गए। कहा जा रहा है कि सेना की एक विशेष इकाई ने राष्ट्रपति की विदाई में अहम भूमिका निभाई है। इस विशिष्ट सैन्य इकाई ने प्रदर्शनकारियों का पक्ष लिया। कैपसैट के नाम से जाना जाने वाला यह गुट 16 साल पहले राजोएलिना को पहली बार राष्ट्रपति पद तक पहुँचाने में सहायक रहा था।
सबसे गरीब देशों में से एक मेडागास्कर
विश्व बैंक के अनुसार, मेडागास्कर दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है, जहाँ पाँच में से चार लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। मोज़ाम्बिक के तट से सटे हिंद महासागर के इस द्वीपीय राष्ट्र में, 1960 में फ़्रांस से आज़ादी मिलने के बाद से, कई सैन्य तख्तापलट हो चुके हैं। जापान की सुमितोमो कॉर्पोरेशन यहां अंबाटोवी निकल खदान का संचालन करती है और रियो टिंटो पीएलसी देश में एक खनिज-रेत परियोजना का मालिक है, जो दुनिया का सबसे बड़ा वेनिला उत्पादक है।