राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी दलों के महागठबंधन (एमजीबी) के बीच सीटों का बंटवारा लगभग तय हो चुका है। संभावना है कि दो-तीन दिनों के भीतर दोनों गठबंधनों की ओर से यह औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा कि कौन दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को रिजल्ट का ऐलान कर दिया है।
पहले चरण का नामांकन 10 अक्टूबर से और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर से शुरू होगा। 17 अक्टूबर को पहले और 20 अक्टूबर को दूसरे चरण के नामांकन का आखिरी दिन है। मतलब, अब चाहे जैसे हो, सीट और कैंडिडेट का ऐलान इस सप्ताह तक हो जाना चाहिए।
एनडीए में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच सीटों को लेकर सहमति कायम है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और लोक जनशक्ति पार्टी – रामविलास (एलजेपी-आर) को मिलने वाली सीटों पर भी सहमति करीब बन चुकी है।
महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने त्याग करते हुए वामपंथी दलों को पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें देने का निर्णय लिया है। साथ ही दोनों दल अपने हिस्से की सीटों में से मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की मांग समायोजित करेगी। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर चल रही तनातनी भी समाप्त हो गई है और सभी घटक दलों ने तेजस्वी यादव के चेहरे पर ही चुनावी मैदान में जाने का निर्णय लिया है। हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) को महागठबंधन में क्या मिलता है, इस पर सबकी नजर है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि नौ अक्तूबर को वह 100 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर देगी, जिसके अगले दिन से पहले चरण का नामांकन शुरू हो जाएगा। असदुद्दीन ओवैसी भी धीरे-धीरे बिहार में घूम-घूमकर अपनी पार्टी एआईएमआईएम के कैंडिडेट के नाम घोषित कर रहे हैं।