Jaipur City Transport: जयपुर में ईको-फ्रेंडली ई-रिक्शा को लेकर परिवहन विभाग की लापरवाही अब खुलकर सामने आ रही है। सार्वजनिक परिवहन साधनों की कमी के बावजूद विभाग ई-रिक्शा सेवा को व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। नतीजतन, यह सेवा लोगों के लिए सुविधा नहीं बल्कि दुविधा का कारण बन गई है। पांच साल से ई-रिक्शा को नियमन में लाने की बातें और प्रक्रियाएं चल रही हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ। ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में जोनवार विभाजन का निर्णय लेने के बाद भी विभाग ने इसे लागू नहीं किया। दिवाली से पहले जोनवार व्यवस्था लागू करनी थी, पर विभाग अब तक उसका सॉफ्टवेयर भी तैयार नहीं कर पाया। फिलहाल शहर में बेतरतीब ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है। 40 हजार की सीमा तय होने के बावजूद जयपुर में अवैध रूप से हजारों ई-रिक्शा चल रहे हैं।
जयपुर में सख्ती, तो दूदू, कोटपूतली, दौसा में रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सख्ती के बाद अब जयपुर के बजाय आसपास के शहरों—दूदू, कोटपूतली, दौसा आदि से रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं। इन ई-रिक्शा को जयपुर में चलाया जा रहा है, जिससे संख्या फिर बढ़ती जा रही है।
प्रस्तावित जोनवार व्यवस्था
जोन 1 (जयपुर उत्तर, 9 थाना क्षेत्र) – गुलाबी कलर कोड, 8500 ई-रिक्शा।
जोन 2 (जयपुर पूर्व, 13 थाना क्षेत्र)- हल्का हरा कलर कोड, 7500 ई-रिक्शा।
जोन 3 (जयपुर सेंट्रल, 12 थाना क्षेत्र) – आसमानी कलर कोड, 7500 ई-रिक्शा।
जोन 4 (जयपुर दक्षिण, 7 थाना क्षेत्र) – केसरिया कलर कोड, 8500 ई-रिक्शा।
जोन 5 (जयपुर पश्चिम, 11 थाना क्षेत्र) – हल्का पीला कलर कोड, 7500 ई-रिक्शा।
जयपुर मेट्रो जोन – सफेद कलर कोड, 500 ई-रिक्शा।
बिना फिटनेस और किराये पर चल रहे ई-रिक्शा
परिवहन विभाग की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फर्जी तरीके से एक ही व्यक्तिि को 10 से अधिक ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन जारी कर दिए गए। अब शहर में बिना फिटनेस और बिना वैध मालिकाना हक के ई-रिक्शा धड़ल्ले से चल रहे हैं। इनका खुलासा होने के बाद भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवहन विभाग अब पहले चरण में करीब नौ हजार अनफिट ई रिक्शा को बाहर करने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में संयुक्त परिवहन अधिकारी जगदीश बैरवा से संपर्क करने पर उन्होंने कॉल नहीं उठाया और न ही मैसेज का जवाब दिया।