Indian Classical Music: गुलाबी शहर के कलाकारों ने विदेशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत से मचाई धूम
Global Music Festival: अफ्रीका और यूरोप में गूंजा जयपुर का संगीत, कलाकारों को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान। भारतीय सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर पहुंचा गुलाबी नगर का हुनर।
जयपुर। गुलाबी शहर के कलाकार अब सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अफ्रीका, यूरोप और एशिया के कई देशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत की मधुर धुनों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। देश की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को विदेशों में प्रस्तुत करने का यह प्रयास कलाकारों के लिए केवल कला तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने वाला भी साबित हो रहा है।
युवा तबला वादक अनुराग हुसैन बताते हैं कि उन्होंने 2012 में स्विट्जरलैंड के ‘जिप्सी फेस्टिवल’ में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन किया था। पिता अमृत हुसैन से प्रेरित अनुराग ने तबला सीखकर शास्त्रीय विरासत को जीवित रखने का फैसला किया। उनके कार्यक्रमों में शास्त्रीय तबले की तकनीकी गहराई और राजस्थानी लोक संगीत की आत्मा का संगम देखने को मिलता है। अनुराग ने हाल ही में फ्रांस और इटली में भी शानदार प्रस्तुतियां दी हैं।
वहीं, ध्रुपद गायिका डॉ. गायत्री शर्मा ने अफ्रीका के घाना में आयोजित फास्टेक फेस्टिवल 2025 में दागर घराने की विशिष्ट गायकी के साथ प्रस्तुति दी। उन्होंने अफ्रीकी वाद्य पर भारतीय राग प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय संगीत का स्वागत दर्शकों द्वारा तालियों के साथ किया गया और आयोजन समिति ने उन्हें भारतीय सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए विशेष सम्मान से सम्मानित किया। डॉ. शर्मा का कहना है कि ध्रुपद केवल संगीत ही नहीं, बल्कि ध्यान और आत्मानुभूति का साधन भी है।
गुलाबी शहर के ये कलाकार यह साबित कर रहे हैं कि कला की शक्ति किसी सीमा में बंधी नहीं होती और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर विश्वभर में अपनी पहचान बनाए हुए है।