डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के 50 फीसदी टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर कोई खास असर नहीं होगा, क्योंकि देश तेजी से आगे बढ़ता रहेगा. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति को जवाब देते हुए खुद एक अमेरिकी ग्लोबल रेटिंग एजेंसी Fitch Rating ने ये कहा है. दरअसल, एजेंसी ने भारत की ग्रोथ रेट मजबूत होने का हवाला देते हुए रेटिंग को BBB- पर बरकरार रखा है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेल उत्पाद (India GDP) वृद्धि दर के 6.5 फीसदी रह सकती है.
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दूसरे देशों से बेहतर इंडियन इकोनॉमी
फिच रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इंडियन इकोनॉमी को उसकी मजबूत ग्रोथ और ठोस बाहरी निवेश का समर्थन है, ऐसे में फिलहाल भारत का इकोनॉमिक आउटलुक अन्य समकक्ष देशों की तुलना में मजबूत बना हुआ है. हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने ये जरूर कहा कि बीते दो सालों में इसकी गति धीमी हुई है. India GDP Growth को लेकर पूर्वानुमान जाहिर करते हुए फिच ने कहा कि FY2025-26 में देश के सकल घरेल उत्पाद की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी पर रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के समान है.
GST सुधारों का दिखेगा असर
फिच ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा जीएसटी रिफॉर्म को लेकर किए गए ऐलान पर कहा कि अगर प्रस्तावित माल एवं सेवा कर (GST) सुधार अपनाए जाते हैं, तो फिर इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और ग्रोथ से संबंध जोखिमों में से कुछ कम हो जाएंगे. गौरतलब है कि इससे पहले ट्रंप के टैरिफ अटैक के बीच S&P Global रेटिंग एजेंसी ने भी भारत पर भरोसा जताया था और बीते 14 अगस्त को रिपोर्ट जारी कर भारत की क्रेडिट रेटिंग को बीबीबी- से बढ़ाकर बीबीबी कर दिय़ा था. खास बात ये है कि इस एजेंसी भारत को लेकर अनुमान 18 साल के अंतराल के बाद चेंज किया.
ट्रंप टैरिफ का होगा मामूली असर
अमेरिकी टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर के बारे में भी बड़ी बात कही है. इसमें लिखा है कि Donald Trump प्रशासन 27 अगस्त तक भारत पर 50% हेडलाइन टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन हमारा मानना है कि इसे कम करने पर बातचीत की जाएगी. वहीं भारत की जीडीपी पर इसका सीधा प्रभाव (Tariff Impact On GDP) मामूली होगा, क्योंकि अमेरिका को भारत का निर्यात कुल जीडीपी का महज 2% ही है. इसके अलावा सरकार द्वारा प्रस्तावित जीएसटी सुधार ग्रोथ में ऐसे कुछ जोखिमों की भरपाई करेंगे.
मिल सकता है Repo Rate कट का तोहफा
महंगाई को लेकर फिच की रिपोर्ट में कहा गया कि फूड प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा उठाए गए नीतिगत कदमों ने Inflation को कंट्रोल में रखा हुआ है. कोर महंगाई दर केंद्रीय बैंक के निर्धारित दायरे 2%-6% में बनी हुई है, तो वहीं थोक महंगाई जुलाई में घटकर 1.6% रह गई. आरबीआई ने फरवरी और जून 2025 के बीच Repo Rate में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 5.5% कर दिया है, ऐसे में हमारा मानना है कि कम महंगाई 2025 में 25 आधार अंक की और कटौती की गुंजाइश पैदा करेगी.
