व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के अलास्का में मुलाकात की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. रूसी राष्ट्रपति को सुरक्षित ले जाने और लाने के लिए क्रेमलिन के सुरक्षाकर्मियों ने स्पेशल प्लान तैयार किया है. 15 अगस्त (शुक्रवार) को पुतिन और ट्रंप एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे मिलेंगे. सुरक्षा के नजरिए से इस सैन्य अड्डा को बेहद सुरक्षित माना जाता है.
मीटिंग की जो रूपरेखा तैयार हुई है, उसमें ट्रंप और पुतिन आमने-सामने बैठेंगे. ट्रंप के मुताबिक वे सिर्फ 2 मिनट में समझ जाएंगे कि पुतिन जंग रोकना चाहते हैं या नहीं?
पुतिन कैसे आएंगे अलास्का?
पुतिन बेरिंग स्ट्रेट के रास्ते अलास्का जाएंगे. वे रूसी एयरस्पेस से सीधे US हवाई क्षेत्र में प्रवेश करेंगे. पुतिन के आगमन को देखते हुए अलास्का के एंकोरेज में 15 अगस्त को सभी उड़ानें प्रतिबंधित है. पुतिन के विमान को विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल मिलेगा. चप्पे-चप्पे पर सीक्रेट सर्विस की नजर होगी.
पुतिन की सुरक्षा रूसी जवान करेंगे. क्रेमलिन के अधिकारी मीटिंग से पहले एक्टिव हो गए हैं. अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक मार्को रुबियो ने मंगलवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बारे में बात की.
अलास्का में ही बैठक क्यों?
अलास्का एक वक्त में रूस का ही हिस्सा था, जिसे रूस के जार ने अमेरिका को बेच दिया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने वारंट जारी कर रखा है. अमेरिका अंतराराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के मानने के लिए बाध्य नहीं है.
इतना ही नहीं, पुतिन का जहाज बिना किसी दूसरे देश की सीमा में गए अलास्का आसानी से चला जाएगा. वहीं किसी अन्य देश में बैठक के लिए जहाज को उन देशों से होकर गुजरना पड़ता, जो इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को मानता है. ऐसी स्थिति में पुतिन की गिरफ्तारी भी हो सकती थी.
इसी सबसे बचने के लिए पुतिन और ट्रंप ने अलास्का में बैठक करने का फैसला किया. इस बैठक में युद्ध विराम और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. यूक्रेन का कहना है कि रूस वार्ता के जरिए मसले को और आगे खींच रहा है.
