रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया कि एक स्कैमर उनके साथ प्रैंक करने की कोशिश कर रहा था और वो चाह रहा था कि उसे विराट कोहली का नंबर मिल जाए. ये बात इंडियन प्रीमियर लीग 2025 की है.
हालांकि, रविचंद्रन अश्विन को थोड़ी देर में ही ये बात पता चल गई थी और उन्होंने बड़ा कदम उठाया. पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने बताया कि स्कैमर उनके साथ प्रैंक कर रहा था और उसने न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज डेवॉन कॉन्वे का नाम लिया. थोड़ी देर बात करने के बाद जब उन्होंने दो और भारतीय खिलाड़ियों का नंबर मांगा तब अश्विन को पक्का हो गया कि कोई उन्हें परेशान कर रहा है.
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स्कैमर ने लिया डेवॉन कॉन्वे का नाम
रविचंद्रन अश्विन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर की जिसमें उन्होंने बताया, इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के खत्म होने के बाद एक लड़के ने मुझे मैसेज किया था और कह रहा था कि वो न्यूजीलैंड के डेवॉन कॉन्वे हैं. मैंने भी जवाब दिया और हमारी बातचीत हुई. इसी दौरान उन्होंने मुझसे पूछा कि उन्होंने विराट कोहली का नंबर मिस कर दिया है और क्या वो उन्हें नंबर दे सकते हैं. मैं भी सच में पड़ गया था कि आखिर क्यों वो मुझे विराट कोहली का नंबर मांगेंगे. लेकिन, मैं उनसे नहीं पूछ सकता था क्योंकि मुझे लगा कि उन्हें बुरा लगेगा.
अश्विन ने आगे कहा, मैंने उन्हें एक दूसरा नंबर दिया और कहा कि ये विराट का नंबर है. फिर उन्होंने मुझे कहा कि कुछ और भी नंबर हैं जो मैं मिस कर चुका हूं. जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी.
मैं समझ गया कि ये प्रैंक है और मैं उनसे पूछा कि जो बैट मैंने आपको इस साल दिया था वो कैसा है. उन्होंने कहा कि काफी अच्छा है और मैं समझ गया कि वो झूठ बोल रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने कभी डेवॉन कॉन्वे को कोई भी बैट नहीं दिया था. मैंने तुरंत उन्हें ब्लॉक किया.
छत्तीसगढ़ में भी हुआ हैरान कर देने वाला मामला
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में रहने वाले एक युवक मनीष बीसी ने एक नया सिम खरीदा. इस दौरान युवक के पास ऐसा मोबाइल नंबर पहुंच गया, जो पहले भारतीय क्रिकेटर रजत पाटीदार के नाम पर रजिस्टर था. इसके बाद से ही उसको इस नंबर पर बड़े-बड़े खिलाड़ियों के फोन आने लगे.
इस नंबर पर विराट कोहली और एबी डिविलियर्स जैसे क्रिकेटरों के फोन आने के बाद ये चर्चा का विषय बन गया. हालांकि, आप सब चीज ठीक हो गई हैं और रजत पाटीदार ने भी मनीष से सिम वापस लेने का अनुरोध किया. युवक ने इसको भी मजाक समझा, लेकिन इसके कुछ समय बाद पुलिस के पहुंचने के बाद मामला गंभीर हो गया. रजत पाटीदार ने एमपी साइबर सेल और गरियाबंद पुलिस की मदद से नंबर वापस दिलवाया.






