11 अगस्त 2025— इस दशक का एक अभूतपूर्व सांस्कृतिक समागम—’विश्व सांस्कृतिक महोत्सव’ 16 अगस्त से 23 नवम्बर 2025 तक कर्नाटक के सत्य साई ग्राम में आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन 100 देशों में सक्रिय “वन वर्ल्ड वन फेमिली मिशन” कर रहा है।
यह महोत्सव 100 राष्ट्रों को 100 दिनों तक एक सूत्र में बाँधेगा, जहाँ कला, संगीत, अध्यात्म एवं सेवा के माध्यम से मानवता की साझी चेतना का सजीव अभिव्यक्तिकरण होगा। यह सीमाओं से परे जोड़ने वाली विविधता में एकता का तथा मानवीय मूल्यों का एक सशक्त उत्सव होगा।
इस महोत्सव में प्रत्येक दिवस एक विशिष्ट देश को समर्पित होगा, जिसमें उस राष्ट्र की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक जड़ों पर प्रकाश डालते हुए किसी विख्यात वक्ता का, और वन वर्ल्ड वन फेमिली मिशन (एक विश्व एक परिवार सेवा-अभियान) के संस्थापक एवं आध्यात्मिक मार्गदर्शक सद्गुरु श्री मधुसूदन साई का सार्वभौमिक सत्यों पर एक उद्बोधन होगा; तत्पश्चात उस विशिष्ट राष्ट्र में किए गए विशिष्ट मानवीय सेवा-कार्य का सम्मान किया जाएगा एवं एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।
उत्सव में भव्य आध्यात्मिक अनुष्ठान भी सम्मिलित होंगे, जिनमें देवी-शक्ति का उत्सव मना कर विश्वव्यापी सामंजस्य का आह्वान करने वाले नवरात्रि पर्व पर अति रुद्र महायज्ञ एवं दुर्गा पूजा का आयोजन प्रमुख हैं।
इस महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण विश्व के विशालतम नि:शुल्क निजी ग्रामीण चिकित्सालय का उद्घाटन होगा, जो वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा।
साझे उल्लास की इस भावना में, साई सिम्फनी वर्ल्ड ऑर्केस्ट्रा में 40 देशों के 400 संगीतज्ञ सम्मिलित होकर प्रस्तुति देंगे, जिनमें भारत के सबसे बड़े विद्यालयी ऑर्केस्ट्रा, साई सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के 170 बालक-बालिकाएँ भी सामंजस्य एवं आशा की एक सशक्त संगीतमय प्रस्तुति देंगे।
साझा मानवीय मूल्यों तथा परस्पर सम्मान की शक्ति को सुदृढ़ करने हेतु एक सार्थक अंतर-धार्मिक संवाद संभव करने के लिए विश्व धर्म सम्मेलन विभिन्न आस्थाओं के आध्यात्मिक नेताओं को एकजुट करेगा।
महोत्सव का समापन, भगवान श्री सत्य साई बाबा की जन्म शताब्दी जयंती समारोह के रूप में होगा, जिनका प्रेम एवं सेवा का संदेश आज भी विश्व भर में करोड़ों लोगों को प्रेरणा प्रदान कर रहा है।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव एक ऐसा दुर्लभ अवसर है जो यह स्थापित करेगा कि जब मानवता शुद्ध भावना एवं निःस्वार्थ प्रेम के साथ एकजुट होती है, तब क्या अभूतपूर्व संभव हो सकता है।
इस विलक्षण वैश्विक समागम के साक्षी बनने हेतु प्रत्येक का स्वागत है।
