विश्व की अस्थिर अर्थव्यवस्था के प्रति चिंता जताते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमारे किसान, हमारे लघु उदयोग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिये सबसे ऊपर है। उन्होंने आगे कहा, इसलिए अब हम उन वस्तुओं को खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी न किसी भारतीय का पसीना बहा है। प्रधानमंत्री ने करीब 53 मिनट के अपने भाषण के अंतिम छह मिनट में भारत की अर्थव्यवस्था और स्वदेशी का उल्लेख किया।
मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आज जब हम आर्थिक प्रगति की बात कर रहे है, तो मैं आपका ध्यान वैश्विक हालात पर ले जाना चाहता हूं। आज दुनिया की अर्थव्यवस्था कई आशंकाओं से गुजर रही हैं। अस्थिरता का माहौल है। ऐसे में दुनिया के देश अपने-अपने हितों पर ध्यान दे रहे है।
मोदी ने कहा, भारत भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसलिये भारत को भी अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग रहना ही है। हमारे किसान, हमारे लघु उदयोग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं। सरकार इस दिशा में हर प्रयास कर रही है। लेकिन देश के नागरिक के रूप में भी हमारे कुछ दायित्व है। यह बात सिर्फ मोदी नहीं, हिंदुस्तान के हर व्यक्ति को दिन में हर पल बोलते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, कोई भी राजनीतिक दल हो, कोईै भी राजनेता हो, उसे अपने संकोच को छोड़कर के देशहित में देशवासियों के अंदर स्वदेशी के संकल्प का भाव जगाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, हम उन वस्तुओं को खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी न किसी भारतीय का पसीना बहा है। वह वस्तु भारत के लोगों ने बनाई है, भारत के लोगों के कौशल से बनी है। भारत के लोगों के पसीने से बनी है।
हमें वोकल फार लोकल मंत्र को अपनाना होगा। मोदी ने कहा, हमारे घर में जो भी नया सामान आयेगा, वह स्वदेशी ही होगा। यह जिम्मेदारी हर देशवासी को लेनी होगी। उन्होंने व्यापारियों से स्वदेशी माल ही बेचने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, स्वदेशी माल बेचने का संकल्प भी देश की सच्ची सेवा है। त्योहारों के महीने आने वाले हैं। उसके बाद शादियों का सीजन है। इस दौरान स्वदेशी वस्तुओं को ही खरीदना चाहिए।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लगातार किसानों की खुशहाली के लिए काम कर रही है। मोदी ने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर की गई घोषणाएं पूरी होना मुश्किल था, लेकिन भाजपा सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है। पीएम किसान सम्मान निधि को सरकार के पक्के इरादों का उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में योजना शुरू होने के समय विपक्षी दल कहते थे कि चुनाव के बाद योजना बंद हो जाएगी या पैसा वापस ले लिया जाएगा, लेकिन क्या इतने साल में एक भी किस्त बंद हुई? पीएम किसान निधि बिना रुकावट के जारी है।
उन्होंने बताया कि आज तक पौने चार लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के ढाई करोड़ किसानों को 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं, जबकि काशी के किसानों को 900 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने ऐसा सांसद चुना है कि आपके खाते में 900 करोड़ रुपया आया है।
उन्होंने योजना की पारदर्शिता पर जोर देते हुए बताया, बिना किसी कट, कमीशन या बिचौलियों के पैसा सीधे खातों में पहुंचता है। हमने ये स्थाई व्यवस्था बना दी है, न लीकेज होगी, न गरीब का हक छीना जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का विकास मंत्र है – जो जितना पिछड़ा, उसे उतनी ही ज्यादा प्राथमिकता। प्रधानमंत्री ने हाल ही में मंजूर की गई प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का जिक्र भी किया, जिस पर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, और इसका फोकस उन पिछड़े जिलों पर होगा जहां कृषि उत्पादन और आमदनी कम है।
कृषि अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए मोदी ने लखपति दीदी अभियान का उल्लेख किया, जिसका लक्ष्य तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना है। अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा लखपति दीदी बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने जनधन योजना के 10 साल पूरे होने का जिक्र किया, जिसके तहत 55 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले गए। अब 10 साल बाद केवाईसी दोबारा कराना जरूरी है।
उन्होंने बैंकों के अभियान की सराहना की, जहां एक जुलाई से ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर लाखों लोगों का केवाईसी किया जा रहा है। अब तक एक लाख ग्राम पंचायतों में यह काम पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री ने काशी सांसद प्रतियोगिता से संबंधित वेबसाइट, पंजीकरण पोर्टल और क्यूआर कोड का लोकार्पण भी किया। हाल ही में आयोजित सांसद पर्यटक गाइड प्रतियोगिता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्पर्धा के माध्यम से कौशल विकास हो रहा है। आने वाले दिनों में काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद रोजगार मेला जैसे आयोजन होंगे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत हुडको और आईडीबीआई द्वारा सीएसआर फंड से काशी के दो हजार दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदान किए गए। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से कुछ लाभार्थियों को उपकरण दिए।
उन्होंने बबली कुमारी (दृष्टिबाधित छात्रा) को लो विजन चश्मा (जो पहले ब्रेन किट से पढ़ाई कर रही थीं), संतोष कुमार पांडेय और विकास कुमार पटेल को स्पोर्ट्स व्हीलचेयर, किशुन को श्रवण यंत्र और सीता कुमारी पाल (शिक्षिका) को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वाराणसी के जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
