Explore

Search

November 13, 2025 5:03 pm

भारत समेत इन 17 देशों को ईरान से दोस्ती क्यों पड़ गई भारी!

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

अमेरिका ने ईरान पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. इसका असर सीधे भारत, चीन, तुर्की और UAE जैसे देशों पर पड़ा है, जो ईरान के साथ तेल या पेट्रोकेमिकल कारोबार में शामिल रहे. अमेरिका ने ईरान के शिपिंग और तेल तस्करी नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए 15 शिपिंग कंपनियों, 52 जहाजों, 12 व्यक्तियों और 53 संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.

अमेरिका का आरोप है कि ये नेटवर्क ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में छुपाकर बेचता है और इससे होने वाली कमाई से ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम, बैलिस्टिक मिसाइल विकास और आतंकी संगठनों की फंडिंग करता है. ये नेटवर्क मोहम्मद हुसैन शमखानी के नियंत्रण में है, जो ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई के करीबी सलाहकार अली शमखानी का बेटा है.

घर पर ऐसे बनाएं लाइटवेट मॉइस्चराइजर……’मानसून में स्किन नहीं होगी चिपचिपी……

किन-किन पर लगा है प्रतिबंध?

बुधवार देर रात अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 24 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जो ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद में शामिल थीं. 52 जहाज, जिनमें ऑयल टैंकर और कंटेनर शिप शामिल हैं. 12 व्यक्ति जिसमें भारत, इटली और UAE के नागरिक शामिल हैं. 53 अन्य संस्थाएं भी हैं जिनमें अधिकतर शेल कंपनियां जो मार्शल आइलैंड्स, पनामा, तुर्की, स्विट्जरलैंड और हांगकांग में रजिस्टर्ड हैं.

इनमें 6 भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं. मंत्रालय ने बताया कि इन कंपनियों ने 2024 में ईरान से 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के उत्पाद UAE के रास्ते मंगवाए. ये पूरा शिपिंग और फंडिंग नेटवर्क UAE, भारत, तुर्की, चीन, सिंगापुर, इंडोनेशिया, रूस, स्विट्जरलैंड समेत 17 देशों में फैला हुआ है. अमेरिका के मुताबिक, ये देश या तो ईरान के तेल को खरीद रहे थे या शिपिंग और भुगतान में उसकी मदद कर रहे थे.

कैसे चलता था शमखानी का नेटवर्क

मोहम्मद हुसैन शमखानी ने ह्यूगो हायेक जैसे फर्जी नामों से एक वैश्विक नेटवर्क तैयार किया था. उसके जहाज अक्सर ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर देते थे या फर्जी डॉक्यूमेंट्स दिखाते थे ताकि उन्हें पकड़ना मुश्किल हो. BIGLI और ACE नामक जहाजों ने चीन और ईरान के बीच तेल भेजने में धोखाधड़ी की. शिप ऑपरेटरों को बार-बार बदला जाता ताकि उनकी पहचान छिपाई जा सके.

अमेरिका का मकसद क्या है?

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, हमारा लक्ष्य ईरान की कमाई के मुख्य स्रोत को बंद करना है ताकि वह अपने न्यूक्लियर और हथियार कार्यक्रम न चला सके और आतंकी संगठनों को फंड न दे सके. अमेरिका ने ये भी स्पष्ट किया कि ये प्रतिबंध सजा देने के लिए नहीं बल्कि व्यवहार में बदलाव लाने के लिए हैं. प्रतिबंधित कंपनियां चाहें तो ट्रेजरी विभाग से अपील कर सकती हैं.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर