इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गठबंधन को एक बड़ा झटका देते हुए प्रमुख सहयोगी सरकार से बाहर हो गई है। सरकार से समर्थन वापस लेने के परिणामस्वरूप संसद में नेतन्याहू के पास अल्पमत की स्थिति आ गई है। शास पार्टी ने विवादास्पद मसौदा कानून पर गहरी असहमति का हवाला देते हुए अपने गठबंधन से अलग होने की घोषणा की।
यह गठबंधन पार्टी एक अन्य अति-रूढ़िवादी गुट द्वारा भी इसी विवादास्पद मुद्दे पर समर्थन वापस लेने के कुछ ही दिनों बाद अलग हुई है, जिससे कमज़ोर सत्तारूढ़ गठबंधन और कमज़ोर हो गया है। अल्पमत सरकार का नेतृत्व करना नेतन्याहू के लिए शासन करना एक चुनौती बना देगा। लेकिन शास ने कहा कि एक बार गठबंधन से बाहर होने के बाद वह गठबंधन को कमज़ोर नहीं करेगी और कुछ कानूनों पर उसके साथ मतदान कर सकती है। वह इसके पतन का समर्थन भी नहीं करेगी।
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युद्धविराम वार्ता से दबाव बढ़ा
यह राजनीतिक उथल-पुथल ऐसे समय में सामने आई है जब इज़राइल और हमास गाजा के लिए अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव पर बातचीत कर रहे हैं। हालाँकि नेतन्याहू की सरकार में बदलाव से वार्ता पटरी से नहीं उतरेगी, लेकिन इज़राइली नेता अपने दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों की माँगों के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे, जो हमास के बने रहने के दौरान 21 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने का विरोध करते हैं। इज़राइल के शीर्ष सहयोगी अमेरिका और मध्यस्थ मिस्र व कतर के भारी दबाव के बावजूद, वार्ता में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
मसौदा कानून पर समझौता असंभव
इससे पहले मंगलवार को, यहूदी जन नीति संस्थान के उपाध्यक्ष शुकी फ्रीडमैन ने कहा कि वर्तमान में विचाराधीन मसौदा कानून और पार्टी की मांगों के बीच अभी भी बहुत बड़ा अंतर है, जिससे उस दौरान किसी समझौते की संभावना कम है। फ्रीडमैन ने कहा कि पार्टी के जाने से नेतन्याहू के शासन को तत्काल कोई खतरा नहीं है। संसद को भंग करने के लिए मतदान, जिससे सरकार गिर जाएगी और नए चुनाव होंगे, प्रक्रियागत कारणों से विपक्ष द्वारा वर्ष के अंत तक नहीं लाया जा सकता। और संसद का ग्रीष्मकालीन अवकाश, जो इस महीने के अंत में शुरू होकर अक्टूबर तक चलेगा, नेतन्याहू को अंतर को पाटने और पार्टी को गठबंधन में वापस लाने का एक और मौका देता है।
