रूस और उत्तर कोरिया की दोस्ती अब खिचड़ी से भी ज्यादा पक चुकी है, और अब ये पश्चिमी देशों की नींद हराम कर रहा है. तब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उत्तर कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन के बीच शनिवार को मुलाकात हुई. इस मुलाकात ने साफ कर दिया है कि दोनों देश अब एक-दूसरे के साथ सिर्फ हाथ नहीं, हथियार भी मिला चुके हैं.
उत्तर कोरिया के कलमा बीच रिसॉर्ट में हुई इस मुलाकात में लावरोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गर्मजोशी से भरा संदेश किम तक पहुंचाया और जवाब में किम ने रूस के यूक्रेन युद्ध में उठाए गए हर कदम को ‘बिना शर्त समर्थन’ देने का ऐलान कर दिया. यानी अब रूस जो कहेगा, उत्तर कोरिया वही बोलेगा और शायद उसी के कहने से चलेगा भी.
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किम जोंग-उन ने खुद माना कि प्योंगयांग और मॉस्को अब किसी सामान्य दोस्ती में नहीं बंधे, बल्कि वो ‘गठबंधन स्तर’ की रणनीतिक सोच साझा करते हैं. उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने साफ कहा है कि वो मिलकर अंतरराष्ट्रीय मामलों में ‘संयुक्त कार्रवाई’ को तेज करेंगे.
लावरोव भी पीछे नहीं हटे, उन्होंने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को सीधे चेतावनी देते हुए कहा कि ‘अगर कोई हमारे खिलाफ गठबंधन बनाएगा, तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे.’ यानी सियासी भाषा में कहें तो रूस-उत्तर कोरिया अब पश्चिमी दुनिया को एक नया ब्लॉक दिखा रहे हैं, जो ना सिर्फ कूटनीतिक बल्कि सैन्य रूप से भी एक्टिव है.
