भारत में जैसे ही गर्मियों का मौसम आता है, बाजारों में मौसमी फलों की बहार नजर आने लगती है. इन फलों में एक खास नाम है जामुन. स्वाद में हल्का खट्टा-मीठा और रंग में गहरा बैंगनी ये फल न सिर्फ स्वाद में बढ़िया होता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी बेहद खास होते हैं. आयुर्वेद में जामुन को दीर्घायु फल कहा गया है, और इसके बीज यानी गुठली को भी काफी फायदेमंद माना गया है. कहा जाता है कि जामुन की गुठली डायबटिजी के मरीजो के लिए लाभकारी होती है.
माना जाता है की जामुन की गुठली डायबिटीज कंट्रोल करने में कारगर हो सकती है. कई लोग इसका पाउडर बनाकर सेवन करते हैं, तो कुछ इसे घरेलू नुस्खे के रूप में अपनाते हैं. लेकिन क्या यह दावा सच में सही है? क्या वाकई जामुन की गुठली ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकती है या यह सिर्फ एक मिथ है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की हेल्थ एक्सपर्ट्स से. तो आइए जानें, क्या है जामुन की गुठली वाकई डायबिटीज कंट्रोल करने में हेल्पफुल है.
जामुन की गुठली के न्यूट्रिशन
सिर्फ जामुन ही नहीं बल्कि इसकी गुठली भी बेहद फायदेमंद है. आयुर्वेद में इसे पोषक तत्वों का भंडार कहा गया है. इसमें भरपूर मात्रा में फ्लावोनॉइड्स, फिनोलिक कंपाउंड्स, जैंथोन, सैपोनिन्स और ऐल्कलॉइड्स पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-डायबेटिक गुणों से भरपूर होते हैं. इसके अलावा गुठली में डायबेटीज को कंट्रोल करने वाले जैम्बोलिन (jamboline) और जैम्बोसिन (jambosine) जैसे तत्व भी मौजूद होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियमित करने में मदद करते हैं. इसके अलावा जामुन की गुठली में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और कैल्शियम भी मौजूद होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने में योगदान देते हैं.
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जामुन के बीज सेहत के लिए होते हैं फायदेमंद
क्या डायबिटीज को कंट्रोल करती है जामुन की गुठली?
आयुर्वेद एक्सपर्ट किरण गुप्ता जी बताती हैं कि, जामुन की गुठली डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद होती है. 100 ग्राम जामुन अगर खा रहे हैं तो 4-5 जामुन की गुठलियां भी चबाकर खा सकते हैं . इससे शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद मिलती है. कई लोग इसका चुर्ण बनाके सेवन करते हैं, जो शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है. हालांकि, जामुन की गुठली की तासीर गर्म होती है. इसलिए गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. अगर गर्मियों में जामुन की गुठली के पाउडर का सेवन ज्यादा कर लिया जाए तो इससे शरीर पर रेशेज पड़ सकते हैं, यूरीन कम हो सकता है.
जामुन की गुठली से मिलते हैं ये फायदे
शुगर को कंट्रोल करने के साथ ही जामुन की गुठली का सेवन करने से डाइजेशन बेहतर रहता है, लिवर डिटॉक्स करने में हेल्प मिलती है और इम्युनिटी को मजबूत बनाने में सहायक है. जामुन की गुठली का चूर्ण पेट संबंधी समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और दस्त में भी राहत देता है. ये एक नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और शरीर में हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है. इसीलिए जामुन खाने के बाद उसकी गुठली को फेंकने के बजाय सुखाकर उसका उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है.
