अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की, वॉशिंगटन के साथ पूरी दुनिया में कुछ राहत की सांस ली गई. अब भले ही सीजफायर हो गया हो मगर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट सामने आई है जो कहती है सीजफायर कराना ही ट्रंप के लिए भारी पड़ सकता है.
द टेलीग्राफ ब्रिटेन की एक खबर के मुताबिक सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि असली जवाब ईरान अमेरिका की सरजमीं पर दे सकता है. वो भी स्लीपर सेल्स के जरिए. और यही बात ट्रंप समेत पूरे सिस्टम के लिए खतरे की घंटी है. ये स्लीपर सेल्स आम ज़िंदगी जीते हुए किसी भी समय एक्टिव हो सकते हैं.
एक्सपर्ट से जानें कौन-से योगासन करें…….’बीपी से लेकर डायबिटीज के मरीज……
क्या होते हैं स्लीपर सेल्स
ये ऐसे लोग होते हैं जो दिखने में आम नागरिक लगते हैं. नौकरी करते हैं, समाज में घुल-मिल जाते हैं लेकिन असल में ये किसी विदेशी एजेंसी से जुड़े होते हैं. जैसे ही उन्हें ग्रीन सिग्नल मिलता है, वो हमला कर सकते हैं, ब्लैकमेलिंग कर सकते हैं या फिर किसी रणनीतिक टारगेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
रिपोर्ट में क्या-क्या दावा?
रिपोर्ट में सामने आया है कि ईरान के एजेंट अमेरिका के शहरों में छुपे बैठे हैं. ये एजेंट ईरानी या आपराधिक नेटवर्क के ज़रिए मिशन पूरा करते हैं. अतीत में कई ऐसे ऑपरेशन पकड़े गए हैं, जहां ईरानी एजेंट्स ने हत्या या अपहरण की कोशिश की. माना जा रहा है कि इन एजेंट्स ने अमेरिका के अंदर साइबर हमले और ड्रोन हमलों की तैयारी भी की है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईरानी मूल के कुछ अमेरिकी नागरिक या प्रवासी, जिन्हें ब्लैकमेल किया जा सकता है, उन्हें भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
खुलासे से ट्रंप की बढ़ी चिंता
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद दावा किया है कि बाइडन सरकार के वक्त में बॉर्डर सिक्योरिटी कमजोर रही, और उसी का फायदा उठाकर ईरान के कई एजेंट अमेरिका में दाखिल हो चुके हैं. उन्होंने इन ‘सुपर सेल्स’ को लेकर सख्त चेतावनी दी है. द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, 1,500 से ज्यादा ईरानी नागरिकों को बॉर्डर पर पकड़ा गया, जिनमें से आधों को अमेरिका में छोड़ भी दिया गया. लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है.
