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December 23, 2025 2:07 am

इजराइल-ईरान की जंग में अपने लिए मौका देख रहा ये मुस्लिम देश…..’तुर्की, पाकिस्तान छोड़िए

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इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष को 5 दिन हो गए हैं. मिसाइलें उड़ रही हैं, धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है, और पूरा मिडल ईस्ट सांस रोककर देख रहा है कि आगे क्या होगा. लेकिन इसी हड़कंप के बीच एक देश चुपचाप कूटनीतिक चाल चल रहा है मिस्र, तुर्की और पाकिस्तान भले ही सुर्खियों में हों, लेकिन मिस्र ने 21 मुस्लिम देशों को साथ लेकर एक ऐसा कदम उठाया है जो उसे क्षेत्रीय कूटनीति में सेंटर स्टेज पर ला सकता है.

13 जून से ईरान पर जारी इजराइली हमलों की निंदा करते हुए मिस्र ने 21 मुस्लिम देशों का साझा बयान जारी कराया है. मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअत्ती ने इन देशों के विदेश मंत्रियों से बातचीत के बाद ये बयान तैयार कराया. इस सूची में शामिल हैं अल्जीरिया, बहरीन, ब्रुनेई, चाड, कोमोरोस, जिबूती, गांबिया, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लीबिया, मॉरिटानिया, पाकिस्तान, क़तर, सऊदी अरब, सोमालिया, सूडान, तुर्किए, ओमान और यूएई.

संप्रभुता का सम्मान और कानून का पालन जरूरी

बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन किया जाना चाहिए. सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान और पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध बनाए रखना जरूरी है. इस दौरान खास तौर पर ईरान पर हमलों को खतरनाक उकसावे के रूप में देखा गया है, जिससे पूरे पश्चिम एशिया में अस्थिरता फैलने का खतरा बढ़ गया है.

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मिडल ईस्ट को न्यूक्लियर हथियारों से मुक्त ज़ोन बनाया जाए

साझा बयान में सभी देशों ने एक अहम मांग उठाई कि मध्य पूर्व को परमाणु और अन्य जनसंहारक हथियारों से मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाए. इसमें यह भी कहा गया कि क्षेत्र के सभी देशों को परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से जुड़ना चाहिए ताकि परमाणु हथियारों की दौड़ पर लगाम लगाई जा सके. इन देशों ने उन सभी हमलों की आलोचना की जो इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की निगरानी में चल रहे परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहे हैं. यह अंतरराष्ट्रीय कानून और जिनेवा कन्वेंशन 1949 का उल्लंघन है.

लड़ाई नहीं, बातचीत से निकलेगा हल

बयान में यह साफ तौर पर कहा गया है कि इस तरह के सैन्य हमलों से कोई स्थायी समाधान नहीं निकलेगा. सिर्फ बातचीत और कूटनीति ही इस संकट का रास्ता निकाल सकती है. इसके अलावा, समुद्री रास्तों की सुरक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता बनाए रखने की भी अपील की गई है. 21 देशों की यह एकजुटता बताती है कि इजराइल-ईरान विवाद अब सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहा.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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