केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव करते हुए एक नई योजना लागू की है, जिसका नाम है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS). यह योजना उन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है जो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत आते हैं और 31 मार्च 2025 तक रिटायर हो चुके हैं. यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है और इसका उद्देश्य रिटायर्ड कर्मचारियों को एक निश्चित और भरोसेमंद पेंशन देना है, जो NPS की अनिश्चितता को काफी हद तक कम कर देगा.
गारंटीड मंथली टॉप-अप पेंशन
लंप-सम पेमेंट
बकाया राशि पर ब्याज
अगर प्रक्रिया में देरी होती है, तो कर्मचारियों को PPF की दर पर ब्याज भी मिलेगा, जिससे किसी भी तरह की वित्तीय हानि की भरपाई हो सके.
कौन-कौन कर सकता है UPS का दावा?
- ऐसे केंद्रीय कर्मचारी जो NPS के अंतर्गत आते हैं और 31 मार्च 2025 तक रिटायर हो चुके हैं.
- जिन्होंने कम से कम 10 साल की सेवा पूरी की हो.
- ऐसे रिटायर कर्मचारी के जीवित वैवाहिक जीवनसाथी भी लाभ के पात्र होंगे.
- सरकार ने आवेदन के लिए 1 अप्रैल से 30 जून 2025 तक का विंडो दिया है. आवेदन करने के दो तरीके हैं:
- ऑफलाइन मोड: संबंधित DDO ऑफिस में फॉर्म भरकर जमा करना होगा.
- ऑनलाइन मोड: NPS पोर्टल के जरिए डिजिटल आवेदन किया जा सकता है.
क्या UPS, NPS के ऊपर एक अतिरिक्त लाभ है?
जी हां. UPS कोई अलग पेंशन स्कीम नहीं है बल्कि NPS के ऊपर एक सप्लीमेंटरी स्कीम है, जो मौजूदा एन्युटी के साथ-साथ एक्स्ट्रा टॉप-अप देती है. यानी आप NPS से मिलने वाली आमदनी के साथ ही UPS के जरिए तय न्यूनतम पेंशन का अंतर भी पा सकेंगे.
UPS क्यों है गेमचेंजर?
यह स्कीम सिर्फ कुछ पैसों की व्यवस्था नहीं, बल्कि सरकार द्वारा अपने रिटायर्ड कर्मचारियों के प्रति की गई एक ठोस और भावनात्मक पहल है. इससे भविष्य में रिटायर्ड जीवन को लेकर अनिश्चितता घटेगी, और लाखों कर्मचारियों को मानसिक शांति मिलेगी. यह भी उम्मीद की जा रही है कि UPS की सफलता के बाद राज्य सरकारें और अन्य संगठनों में भी ऐसे ही हाइब्रिड पेंशन मॉडल लागू किए जा सकते हैं, जिससे देश के पूरे पेंशन सिस्टम में सुधार आ सके.
