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October 16, 2025 3:25 am

जानें कारण: Trump के स्टील टैरिफ से दुनिया भले ही परेशान, भारत पर नहीं पड़ने वाला कोई असर……

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डोनाल्ड ट्रंप जब से दूसरी बार राष्ट्रपति बन गए हैं तब से टैरिफ उनका सबसे पसंदीदा शब्द बन गया है। सोते-जागते, आते-जाते उनकी जुबान पर टैरिफ छाया रहता है। कनाडा को 51वां राज्य बनाना हो टैरिफ लगा दो। फेंटनिल की तस्करी रोकनी है टैरिफ लगा दो। यूक्रेन वॉर में पीस डील करानी हो टैरिफ लगा दो या धमकी दे दो। अगर आपने पिछले कुछ महीने में ट्रंप को ट्रैक किया होगा तो पता चलेगा कि टैरिफ उनका सिंगल प्वाइंट वेपन बन गया है। हर मर्ज की एक ही दवा।

कभी आग लग जाए तो उसके जवाब में कहीं ट्रंप टैरिफ न लगा दें। डोनाल्ड ट्रम्प को ‘टैरिफ मैन’ के नाम से भी जाने जाना लगा है। वे निश्चित रूप से इस नाम को सही साबित कर रहे हैं। उन्होंने ग्लोबल ट्रेड वॉर में एक नया वेपन अब इस्तेमाल कर दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वे 4 जून से स्टील और एल्युमीनियम आयात पर अमेरिकी टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देंगे।

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स्टील-एल्युमिनियम पर टैरिफ दोगुना 

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अगले हफ्ते से देश में आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ अब दोगुना लगेगा। यानी 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया जाएगा। ट्रंप का मानना है कि इस नए नियम से अमेरिकी एल्युमिनियम को नया बल मिलेगा। यह कदम घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के मकसद से उठाया गया है। पेंसिलवेनिया के एक यूएस स्टील प्लांट में मजदूरों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि स्टील पर टैरिफ अब 50% होगा। कोई इससे बच नहीं पाएगा। इसके तुरंत बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘टुथ’ पर लिखा, एल्युमिनियम पर भी यही दर लागू होगी, जो बुधवार, 4 जून से प्रभावी होगी।

ट्रंप के इस फैसले को उनकी आक्रामक व्यापार नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो न सिर्फ प्रतिद्वंद्वियों, बल्कि सहयोगी देशों को भी प्रभावित कर रही है। हाल ही में अदालत ने इन टैरिफ पर सवाल उठाए थे, लेकिन फेडरल अपील कोर्ट ने फिलहाल इन्हें लागू रखने की अनुमति दे दी है। ट्रंप ने अपने भाषण में अमेरिका और जापान की कंपनियों, यूएस स्टील और निप्पॉन स्टील के बीच प्रस्तावित साझेदारी का जिक्र किया। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यूएस स्टील पर नियंत्रण अमेरिका का ही रहेगा और न तो छंटनी होगी, न ही नौकरियां विदेश जाएंगी।

भारत के स्टील-एल्युमिनियम निर्यात पर संकट?

भारत की बात करें तो अमेरिका को स्टील और एल्युमिनियम का प्रत्यक्ष निर्यात बहुत अधिक नहीं है। ट्रप के इस फैसले का भारत पर डायरेक्ट ट्रेड इंपैक्ट सीमित रहेगा, लेकिन इंडायरेक्ट असर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि खासकर वैल्यू-एडेड स्टील प्रोडक्ट्स और ऑटो पार्ट्स निर्यातक इससे प्रभावित होंगे। 50% टैरिफ से भारत के 4.56 अरब डॉलर के स्टील-एल्युमिनियम निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, यह भारतीय उत्पादकों की प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) का कहना है कि सरकार इस मुद्दे को द्विपक्षीय स्तर पर उठाए, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय निर्यातकों को अनुचित रूप से नुकसान न पहुंचे।

भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों दोनों को नुकसान

इसके अलावा, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने इस घटनाक्रम को बेहद परेशान करने वाला बताया और चेतावनी दी कि भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों दोनों को ही भारी नुकसान होगा। लेकिन इन टैरिफ का असर सिर्फ़ अर्थव्यवस्था से कहीं ज़्यादा है।

यह भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर मौजूदा बातचीत को जटिल बनाता है। (ईईपीसी) इंडिया के पंकज चड्ढा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत जारी रहने के दौरान इस तरह की एकतरफा टैरिफ बढ़ोतरी की जा रही है। यह वार्ताकारों के काम को और भी ज़्यादा मुश्किल और जटिल बना देता है। यह निश्चित रूप से इंजीनियरिंग निर्यात को प्रभावित करेगा, जो इस श्रेणी के तहत वर्तमान में लगभग 5 बिलियन डॉलर है।

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

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