Explore

Search

July 1, 2025 12:43 pm

2 वाक्य बोलकर ही पीएम मोदी ने भारत से लेकर दुनिया के……..’कोने-कोने में बैठे विरोधियों के एजेंडे कर दिए फेल!

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के नाम संबोधन में पाकिस्तान को जमकर धोया. उन्होंने पड़ोसी मुल्क को चेतावनी देते हुए कहा कि कार्रवाई को केवल स्थगित किया गया है और भविष्य उसके व्यवहार पर निर्भर करेगा. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत परमाणु ब्लैकमेल को सहन नहीं करेगा. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी तो दी साथ ही उन्होंने दुनिया के कोने-कोने में बैठे विरोधियों के एजेंडे भी फेल कर दिए.

पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद पर होगी. पाकिस्तान से बात होगी तो PoK पर होगी. उनका ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विपक्षी पार्टियों के लिए मैसेज है. दरअसल, ट्रंप ने शनिवार को सीजफायर को लेकर जो बयान दिया था उसमें उन्होंने कहा था कि मैं आप (भारत-पाकिस्तान) दोनों के साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे पर भी बात करने के लिए तैयार हूं. हम मिलकर यह देख सकते हैं कि क्या हजार साल बाद भी कश्मीर के संबंध में कोई समाधान निकाला जा सकता है. यानी ट्रंप पर जिस चीज की उम्मीद कर रहे हैं उसपर पीएम मोदी ने फुल स्टॉप लगा दिया है.

Summer Hair Care: जानिए इस्तेमाल का तरीका और फायदे…….’सिर पर हो गई हैं घमौरियां तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खा……

कांग्रेस के सवालों का भी दिया जवाब

पीएम मोदी ने अपने इस बयान से कांग्रेस के सवालों का भी जवाब दिया है. कांग्रेस ने सीजफायर के बाद सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया था कि कश्मीर पर किसी तीसरी पार्टी को क्यों शामिल किया जा रहा है. सरकार को ये साफ करना होगा कि इस मुद्दे पर कोई भी तीसरी पार्टी शामिल नहीं होगी. कश्मीर हमेशा से भारत और पाकिस्तान का मुद्दा रहा है और दोनों देश टेबल पर बैठकर इसका हल निकालने की बात करते आएं, लेकिन सरकार ने इसमें ट्रंप को भी शामिल कर दिया.

वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान दुर्भाग्य से एक बार फिर जम्मू कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने में कामयाबी हासिल कर लिया है.

कश्मीर नहीं, अब पीओके पर बात

बता दें कि भारत कश्मीर को अपने क्षेत्र का अभिन्न अंग मानता है और वो इस पर बातचीत के लिए तैयार नहीं है, खासकर किसी तीसरे पक्ष के मध्यस्थ के माध्यम से.2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर भारत ने पाकिस्तान को बता दिया था कि घाटी को लेकर वो जो ख्वाब पाला है वो उसके सिलेबस से निकल चुका है. हिंदुस्तान अब पाकिस्तान से पीओके का हिसाब लेगा.

थरूर ने भी दिया था बयान

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इसपर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आतंकी कश्मीर विवाद का अंतर्राष्ट्रीयकरण तो चाहते ही हैं. भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी समस्याओं पर किसी विदेशी देश से मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया है और न ही ऐसा करने की संभावना है. थरूर ने कहा कि ट्रंप का मध्यस्थता करना ऐसा कदम है जो भारत को पीछे की ओर ले जाता है.

वहीं, AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कहा कि शिमला समझौते से ही हम हमेशा तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ रहे हैं. अब हमने इसे क्यों स्वीकार कर लिया है. मुझे उम्मीद है कि कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण नहीं होगा, क्योंकि यह हमारा आंतरिक मामला है. हम तटस्थ क्षेत्र में बातचीत करने के लिए क्यों सहमत हो रहे हैं. क्या अमेरिका यह गारंटी देता है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं करेगा. क्या हमने पाकिस्तान को भविष्य में आतंकी हमले करने से रोकने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर