बीपीएससी 70वीं मुख्य परीक्षा को रद्द करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आज, 23 अप्रैल को खारिज कर दिया है. मेन्स एग्जाम का आयोजन 25 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जाना है. प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने के आरोपों के चलते मुख्य परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी.
जस्टिस दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने कथित पेपर लीक के आधार पर 13 दिसंबर 2024 को बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (प्रारंभिक) को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट ने पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और कोलिन गोंजाल्विस ने व्हाट्सएप मैसेज दिखाया और तर्क दिया कि प्रारंभिक परीक्षा से पहले पेपर लीक हो गए थे.
उन्होंने कुछ वीडियो क्लिप का भी हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया था कि कुछ केंद्रों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से उत्तर घोषित बताए गए थे.पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी पाया कि सभी आरोप एक विशेष परीक्षा केंद्र (बापू परीक्षा परिसर) से संबंधित हैं, जहां दोबारा परीक्षा कराई गई थी. न्यायमूर्ति मनमोहन ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं के आरोपों के अनुसार भी, पेपर लीक तब हुआ जब अभ्यर्थी परीक्षा हॉल में प्रवेश कर चुके थे.
किसने दायर की थी याचिका?
याचिकाकर्ता, आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट ने कथित पेपर लीक के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए पहली बार जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ता ने BPSC की परीक्षा के संचालन की जांच के लिए सदस्यों के एक बोर्ड के गठन की भी मांग की थी. हालांकि, कोर्ट ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया था.
हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी याचिका
इसके बाद मार्च में पटना हाईकोर्ट ने इस संबंध में कई याचिकाओं को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि सभी केंद्रों पर गड़बड़ी का कोई निश्चित सबूत नहीं था. साथ कोर्ट ने बीपीएससी को मुख्य परीक्षा आयोजित करने के निर्देश भी दिए थे. हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए वर्तमान एसएलपी दायर की गई थी.
