रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने बुधवार 12 मार्च को एलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के साथ एक साझेदारी का ऐलान किया। कंपनी ने बताया कि भारत में स्टारलिंक (Starlink) की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए यह साझेदारी की गई है। एक दिन पहले जियो की प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल ने भी SpaceX के साथ इसी तरह के समझौते का ऐलान किया था। हालांकि, यह समझौता इस शर्त पर निर्भर करता है कि स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक की सेवाएं बेचने की सरकारी मंजूरी मिले। इस साझेदारी के तहत, जियो और स्पेसएक्स स्टारलिंक को भारतीय बाजार में बेहतर तरीके से पेश करने और ग्राहकों तक पहुंचाने की संभावनाओं का पता लगाएंगे।
जियो के नेटवर्क से जुड़ेगी स्टारलिंक सेवा
रिलायंस जियो, स्टारलिंक उपकरणों को अपने रिटेल स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, ग्राहकों के लिए इंस्टॉलेशन और सर्विस एक्टिवेशन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। कंपनी ने बताया कि इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य भारत के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में भी भरोसेमंद ब्रॉडबैंड सेवाएं पहुंचाना है। स्टारलिंक देश के सबसे चुनौतीपूर्ण स्थानों पर भी तेज और किफायती इंटरनेट उपलब्ध कराकर JioAirFiber और JioFiber का पूरक बनेगा।
रिलायंस जियो के ग्रुप सीईओ मैथ्यू उमेन ने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य हर भारतीय को तेज और किफायती इंटरनेट उपलब्ध कराना है। SpaceX के साथ हमारी यह साझेदारी भारत में निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगी।”
वहीं SpaceX की प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ग्विन शॉटवेल ने कहा, “हम भारत में जियो के डिजिटल विस्तार में योगदान देने को लेकर उत्साहित हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार से जल्द ही जरूरी मंजूरियां मिल जाएंगी, जिसके बाद हम भारत के लोगों, बिजेनेसों और समुदायों को हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कर पाएंगे।”
स्टारलिंक को मंजूरी मिलने की राह में अड़चनें
हालांकि, भारत में Starlink सेवा की शुरुआत के लिए सरकारी मंजूरी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट और भारत की स्पेस रेगुलेटर IN-SPACe ने अब तक स्पेसएक्स को भारत में Starlink सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी है। मनीकंट्रोल ने 11 नवंबर को एक रिपोर्ट में बताया था कि एलॉन मस्क की कंपनी भारतीय सरकार के डेटा लोकलाइजेशन और सुरक्षा मानकों को अपनाने पर सहमत हो गई है। यह मुद्दा पहले भारत में Starlink के लॉन्च होने में बाधा बना हुआ था।
