टेक दिग्गज Google के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) कंपनी पर सख्त कार्रवाई के मूड में है। DOJ ने अदालत में याचिका दायर कर मांग की है कि Google को अपने सर्च मोनॉपली (एकाधिकार) के लिए सजा दी जाए और उसे अपना वेब ब्राउजर Google Chrome बेचने के लिए मजबूर किया जाए।
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क्या है DOJ का आरोप?
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, DOJ ने फेडरल जज अमिल मेहता के सामने अपनी नई फाइलिंग में Google को “आर्थिक गोलियत” बताया है। विभाग का कहना है कि कंपनी ने अपने प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल किया, जिससे यूजर्स को उचित विकल्पों से वंचित होना पड़ा। DOJ का तर्क है कि बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा लाने के लिए Google को Chrome ब्राउजर बेचना चाहिए।
AI निवेश पर भी कसा शिकंजा
न्याय विभाग ने Google को सर्च से संबंधित न होने वाली सेवाओं के लिए Apple को भुगतान करने की अनुमति देने का समर्थन किया है। हालांकि, DOJ अब Google को AI में निवेश से नहीं रोक रहा, लेकिन उसने एक नई शर्त रखी है—Google को AI में निवेश करने से पहले संघीय और राज्य अधिकारियों को सूचित करना होगा।
Google ने भी कोर्ट में रखा अपना पक्ष
Google ने भी अपने बचाव में एक प्रस्ताव दाखिल किया है। कंपनी ने इसमें Chrome बेचने की बात से इनकार किया है, लेकिन सुझाव दिया है कि अदालत Google के सौदों पर कुछ प्रतिबंध लगा सकती है। Google का कहना है कि फोन निर्माताओं को Google Play लाइसेंस देने के बदले Google Search ऐप या Chrome को प्री-इंस्टॉल करने की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए।
इस मामले की सुनवाई अप्रैल में होगी। अब देखना होगा कि कोर्ट का फैसला Google के पक्ष में आता है या उसकी मुश्किलें और बढ़ती हैं।
