भारत के दूरसंचार क्षेत्र ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, दिसंबर 2023 तक इंटरनेट यूजर्स की संख्या 93.61 करोड़ तक पहुंच गई, जिसकी कुल दूरसंचार पहुंच दर 85.69% होगी. देश का दूरसंचार नेटवर्क, जो अब वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा है, ने वायरलेस और ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन में पर्याप्त वृद्धि देखी है, जो क्रमशः 1,165.49 मिलियन और 904.54 मिलियन तक पहुच गया है, जबकि महत्वपूर्ण विदेशी निवेश आकर्षित कर 5G और 6G तकनीकों की ओर आगे बढ़ रहा है.
मार्च 2024 तक कुल टेलीफोन ग्राहक आधार बढ़कर 1,199.28 मिलियन हो गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी वृद्धि दर्शाता है. वायरलेस सेगमेंट बाजार पर हावी है, जो कुल टेलीफोन सब्सक्रिप्शन का 97.2% हिस्सा है. ग्रामीण कनेक्टिविटी ने उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है.
मार्च 2024 में ग्रामीण टेली-घनत्व 59.19% तक पहुंच गया है. यह वृद्धि भारत के विविध भौगोलिक क्षेत्रों में बढ़ते डिजिटल समावेशन को इंगित करती है. सरकार का डिजिटल इंडिया कार्यक्रम और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना इस क्षेत्र में प्रमुख विकास को गति दे रही है. पीएलआई योजना विशेष रूप से घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण और निर्यात संवर्धन को लक्षित करती है, जबकि दूरसंचार क्षेत्र में अब 100% एफडीआई की अनुमति है.
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2026 तक डेटा खपत प्रति माह 40 GB होगा
डेटा खपत पैटर्न में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, अनुमान है कि 2026 तक प्रति ग्राहक औसत वायरलेस डेटा उपयोग 40 जीबी प्रति माह तक पहुंच जाएगा. यह वित्त वर्ष 21 में दर्ज 14.6 जीबी प्रति माह से पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है. देश में 5G अपनाने की गति बढ़ रही है, अनुमान है कि 2026 तक 330 मिलियन 5G ग्राहक होंगे. मोबाइल विनिर्माण क्षेत्र 2025-26 तक 126 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के उपकरणों का उत्पादन करने के लिए तैयार है.
दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अप्रैल 2000 और मार्च 2024 के बीच 39.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है, जो भारत के दूरसंचार बाजार में मजबूत अंतरराष्ट्रीय विश्वास को दर्शाता है.
हाल ही में शुरू किया गया न्याय महा अभियान, 24,000 करोड़ रुपये के बजट वाला तीन वर्षीय सरकारी मिशन है, जो अन्य विकास पहलों के साथ-साथ दूरसंचार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित है. इंटरनेट ग्राहकों की संख्या में वृद्धि तीव्र गति से जारी है, 2025 तक इनकी संख्या 90 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. यह वृद्धि मुख्य रूप से वायरलेस ब्रॉडबैंड ग्राहकों द्वारा संचालित है, जिसमें रिलायंस जियो बाजार हिस्सेदारी में सबसे आगे है, उसके बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल हैं. भारत 6G गठबंधन के माध्यम से भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकी में भी प्रगति कर रहा है, जो 6G प्रौद्योगिकी विकास के लिए यूरोपीय दूरसंचार उद्योग संगठनों के साथ साझेदारी स्थापित कर रहा है.
IP ट्रैफ़िक चार गुना बढ़ने की उम्मीद
दूरसंचार क्षेत्र के विस्तार ने कुशल श्रमिकों की महत्वपूर्ण मांग पैदा की है, विशेष रूप से 5G जैसी उभरती टेकनोलॉजियों में. यह कार्यबल आवश्यकता क्षेत्र की तीव्र तकनीकी उन्नति और विस्तार के अनुरूप है. भारत में कुल IP ट्रैफ़िक 2021 तक 30% की CAGR से चार गुना बढ़ने की उम्मीद है, जो देश भर में बढ़ती डिजिटल कनेक्टिविटी और डेटा खपत को दर्शाता है.
मोबाइल फोन निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसने भारत को अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट ट्रैफ़िक में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थान दिलाया है. सरकार की पहल विभिन्न नीतिगत उपायों और बुनियादी ढाँचा विकास कार्यक्रमों के माध्यम से इस वृद्धि का समर्थन करना जारी रखती है. ब्रॉडबैंड सेगमेंट ने उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित की है, जो वित्त वर्ष 2016 में 14.97 करोड़ ग्राहकों से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 90.45 करोड़ हो गई है, जो देश भर में हो रहे तेज़ डिजिटल परिवर्तन को उजागर करती है.
