Universal Pension Scheme: भारत में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार एक नए और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसे यूनिवर्सल पेंशन स्कीम कहा जा रहा है. यह पेंशन योजना सभी नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से बनाई जा रही है, जिसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, व्यापारी, स्व-रोजगार करने वाले व्यक्ति और 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग शामिल होंगे.
किसे मिलेगा यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से लाभ
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम एक स्वैच्छिक योजना होगी और इसमें कोई भी व्यक्ति योगदान कर सकता है, जिससे उन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन मिलेगी. यह योजना रोजगार से जुड़ी नहीं होगी, जिससे सभी लोग इसका लाभ उठा सकेंगे. मौजूदा समय में, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पास सरकारी बचत योजनाओं तक पहुंच नहीं है. इस योजना से उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा मिलेगी.
इसके अलावा, सरकार प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM), राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और अटल पेंशन योजना जैसी मौजूदा योजनाओं को इस नए ढांचे में शामिल करने पर विचार कर रही है. इन योजनाओं में वर्तमान में 55 से 200 रुपये तक के योगदान पर 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है, जिसमें सरकार भी योगदान करती है. सबे खास बात ये है कि केंद्र सरकार राज्यों को भी अपनी पेंशन योजनाओं को इस योजना में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे सरकारी योगदान का समान वितरण हो सके और पेंशन की राशि बढ़ सके.
भारत की आबादी में तेजी से बढ़ रहे बुजुर्ग
भारत की आबादी में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 2036 तक, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या 227 मिलियन होने की उम्मीद है, जो कुल आबादी का 15 फीसदी होगी. यह संख्या 2050 तक 347 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जो कुल आबादी का 20 फीसदी होगी. इस बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए, एक व्यापक पेंशन योजना की जरूरत महसूस की जा रही है.
इन देशों में पहले से चल रही ऐसी स्कीम्स
आपको बता दें, विकसित देशों जैसे अमेरिका, यूरोप, कनाडा, रूस और चीन में व्यापक सामाजिक बीमा सिस्टम पहले से है, जिनमें पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं और बेरोजगारी लाभ शामिल हैं. भारत भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जिससे उसकी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली मजबूत हो सके.
