देश की बड़ी कॉफी चेन कंपनी बुरे दौर से गुजर रही है. इस कंपनी की दिवालिया प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है. यह कॉफी लवर्स के लिए एक बड़ा झटका है. कैफे कॉफी डे की पेरेंट कंपनी CDEL लंबे टाइम से परेशानी में चल रही है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने सुप्रीम कोर्ट की 21 फरवरी की समयसीमा के अंदर अपना आदेश जारी करने में विफल रहने के बाद यह फैसला लिया है.
सबसे पहले कंपनी के डिफॉल्ट की बात कर लेते हैं. कंपनी पर 2,228 करोड़ के डिफॉल्ट का आरोप है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में मामला जाने के बाद से ही कंपनी पर दबाव बना हुआ है. हालांकि, NCLT के अंतिम फैसले ना लेने के बावजूद भी कंपनी पर दिवालियापन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. अब निवेशकों और कॉरपोरेट सेक्टर की नजरें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आगे अगले आदेश पर टिकी हुई है.
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NCLT ने उठाया ये बड़ा कदम
इससे पहले NCLT की चेन्नई पीठ ने कैफे कॉफी डे की पेरेंट कंपनी CDEL के निलंबित बोर्ड के डायरेक्टर द्वारा दायर अपील पर सुनवाई पूरी होने के बावजूद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर निर्देश देते हुए इसे 21 फरवरी 2025 तक निपटाने का आदेश जारी किया था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
फैसला सुनाने में देरी होने की वजह से NCLT की ओर से पारित पूर्व आदेश को निरस्त माना गया. 22 फरवरी 2025 से कॉरपोरेट दिवाला जो समाधान प्रक्रिया है. उसको दोबारा शुरू कर दिया गया. इसकी जानकारी खुद कंपनी ने शेयर बाजार को दी. CDEL ने शेयरों को जानकारी देते हुए बताया कि NCLT का अंतिम आदेश आना भी बाकी है.
28.4 करोड़ के डिफॉल्ट का किया दावा
CDL के खिलाफ दिवाला कार्रवाई 8 अगस्त 2024 को शुरू हुई थी, जब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी की बेंगलुरु बेंच ने आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड की याचिका को स्वीकार किया था. इसमें 28.4 करोड़ के डिफॉल्ट का दावा किया गया था. कर्ज में डूबी कंपनी के संचालन की देखरेख के लिए एक आईआरपी को नियुक्त किया गया था. निलंबित बोर्ड ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी. इसके कारण एनसीएलटी ने 14 अगस्त 2024 को कारवाई पर रोक लगा दी थी.
कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
इसके बाद आईडीबीआई टीएसएल इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई. फिर सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी 2025 को एनसीएलटी की चेन्नई बेंच को 21 फरवरी तक अपील का निपटारा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि अगर अपील का निपटारा समय सीमा के अंदर नहीं किया गया तो सीडीईएल की जो दिवालिया प्रक्रिया है. उस पर रोक अपने आप खत्म हो जाएगी. यही कारण है कि 22 फरवरी 2025 को दी गई समय सीमा बीत जाने के बाद कंपनी पर सीआई आरपी प्रक्रिया फिर से बहाल मानी गई.
आपको बता दें कि कॉफी डे ग्रुप की पेरेंट कंपनी CDEL कैफे कॉफी डे आउटलेट चेन के अलावा एक रिजॉर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज और कॉफी बीन ट्रेडिंग ऑपरेट करती है. जुलाई 2019 में अपने फाउंडर बीजी सिद्धार्थ के निधन के बाद से ही कंपनी को फाइनेंशियल स्ट्रगल का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि कंपनी अपनी एसेट्स की बिक्री और रिस्ट्रक्चरिंग के माध्यम से अपने लोन को कम करने का प्रयास कर रही है.
