अनु सिंह चौधरी, जो कि इंडस्ट्री की सबसे प्रसिद्ध और बेबाक स्क्रीनराइटर में से एक हैं, जो एंटरटेनमेंट की दुनिया में लेखक के साथ होने वाले भेदभाव और उनके अधिकारों की रक्षा पर हमेशा खुलकर अपनी बात रखती हैं। स्कूप, आरिया, इक्लिप्स, ग्रहण, द गुड गर्ल शो और मिसेज जैसी शानदार शोज और फिल्म्स के लिए जानी जाने वाली अनु, हमेशा से ही लेखकों के अधिकारों और सम्मान के लिए आवाज उठाती आई हैं।
हाल ही में, अनु ने मीडिया से बातचीत करते हुए ओटीटी प्लेटफार्मों, प्रोड्यूसर्स और यहां तक कि एक्टर्स द्वारा लेखकों को नजरअंदाज किए जाने की समस्या पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने एक बड़ी ओटीटी कंपनी द्वारा हाल ही में किए गए एक अनाउंसमेंट का जिक्र करते हुए कहा, “मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहूंगी लेकिन हाल ही एक बहुत बड़े ओटीटी प्लेटफार्म में इतने सारे सीरीज, शोज और फिल्मे लांच की हैं, क्या आप ने किसी राइटर को वहां देखा, किसी को राइटर को बुलाया, उनके बारे में बात की, किसी ने राइटर को कॉल किया, किसी ने थोड़ी सी बात करने की कोशिश भी की, नहीं बिलकुल नहीं. मैं आपको बता दूँ, लॉन्ग फॉर्मेट जो हम टीवी और सीरीज में देखते हैं, वो एक राइटर का मेडियम हैं, और आपने राइटर को नहीं बुलाया? मेकर अपने राइटरस को बुला कर उनके बारे में बात सकते हैं, उन्हें टैग कर सकते है, लेकिन नहीं करते.”
बता दे, नेटफ्लिक्स और अमेज़न एमएक्स प्लेयर ने हाल ही में 2025 के लिए अपने नए प्रोग्राम्स का ऐलान किया था, लेकिन इसमें लेखक जो इन शोज़ के रचनाकार हैं, इवेंट पर दिखाई नहीं दिए.
अनु की यह टिप्पणी इंडस्ट्री में एक बड़ी समस्या को उजागर करती है, जहां लेखक, जो पर्दे पर दिखाए गए संवादों के निर्माता होते हैं, अक्सर छुपे रह जाते हैं। उन्होंने आगे कहा, “सबसे बड़ा दुख यह है कि जो लाइनें या संवाद आप स्क्रीन पर बोल रहे होते हैं, उन्हें लिखने वाला इंसान कहां है? कम से कम उसे तो पहचानने की कोशिश करें। उसे रेड कार्पेट पर बुलाकर अपने साथ खड़ा कीजिये, और जब मीडिया टैग बनाए जाएं तो उसे भी टैग किया जाए” अनु के शब्द लेखक के लिए और अधिक पहचान और सम्मान की आवश्यकता की ओर इशारा करते हैं, जो उनके अनुसार, एक्टर्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के बराबर सम्मान के हकदार हैं।
अनु सिंह चौधरी सिर्फ एक प्रतिभाशाली लेखिका ही नहीं, बल्कि स्क्रीनराइटर्स राइट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SRAI) और स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (SWA) की सक्रिय सदस्य भी हैं। ये संगठन लेखकों के अधिकारों, उचित वेतन और सही पहचान की रक्षा के लिए काम करते हैं।
