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November 14, 2025 7:05 am

24 घंटे में 30 आतंकियों को उतार मौत के घाट…….’दहशतगर्द पर कहर बनकर टूटा पाकिस्तान……

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पाकिस्तान में आतंकवादी फलते-फूलते हैं. पाकिस्तान को आतंकियों का पनाहगार माना जाता है. इसका नुकसान पाकिस्तान के आवाम को उठाना पड़ता है. यहां आए दिन कहीं भी आतंकी हमला हो जाता है. इसमें हजारों लोगों की जान जाती है. अब जब पाकिस्तान अपने पाले गए आतंकियों से दुनियाभर में बदनाम हो चुका है तो वह अतांकियों पर कार्रवाई कर रहा है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को तीन अलग-अलग आतंकवाद विरोधी अभियानों में 30 आतंकवादी मारे गए.

ये आतंकवाद विरोधी अभियान लक्की मरवत, करक और खैबर जिलों में चलाए गए. पाकिस्तानी सेना के बयान के अनुसार, लक्की मरवत जिले में 18 आतंकवादियों को “नरक भेजा गया”, जबकि करक में आठ आतंकवादी मारे गए. लक्की मरवत मुठभेड़ में छह आतंकवादी घायल भी हुए. खैबर जिले के बाघ इलाके में एक अन्य मुठभेड़ में, सुरक्षा बलों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें प्रमुख नेता अजीज उर रहमान उर्फ कारी इस्माइल और मुखलिस शामिल थे, जबकि दो आतंकवादी घायल हो गए.

PAK राष्ट्रपति ने बताई बड़ी उपलब्धि 

बयान में कहा गया कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अलग-अलग बयानों में लक्की मरवत, करक और खैबर जिलों में सफल अभियानों के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की. राष्ट्रपति जरदारी ने 30 आतंकवादियों के मारे जाने को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और पुष्टि की कि सुरक्षा बलों के अभियान तब तक जारी रहेंगे जब तक आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता.

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शहबाज शरीफ ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सुरक्षा बलों के प्रति राष्ट्र के अटूट समर्थन को दोहराया और जोर देकर कहा कि पाकिस्तान सभी प्रकार के आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. हाल के महीनों में, पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ खुफिया-आधारित अभियानों को तेज कर दिया है, जो 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अधिक साहसी हो गया है. टीटीपी या पाकिस्तान तालिबान एक अलग समूह है, लेकिन अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी है. बता दें कि 17 जनवरी को, खैबर जिले के तिराह इलाके में एक खुफिया-आधारित अभियान में पांच आतंकवादी मारे गए थे.

2024 में पाक में 444 आतंकवादी हमले

सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज द्वारा जारी “सीआरएसएस वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024” के अनुसार, 2024 पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य सुरक्षा बलों के लिए एक दशक में सबसे घातक वर्ष था, जिसमें कम से कम 685 मौतें और 444 आतंकवादी हमले हुए. समान रूप से चिंताजनक नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की कुल हानि थी – 1,612 मौतें, जो 2024 में दर्ज कुल का 63% से अधिक थी, जो 934 अपराधियों के मारे जाने की तुलना में 73% अधिक हानि थी, सीआरएसएस रिपोर्ट के हवाले से द न्यूज ने बताया.

खैबर पख्तूनख्वा सबसे ज्यादा प्रभावित

2024 में दर्ज कुल मौतें 9 साल का रिकॉर्ड उच्च स्तर थीं और 2023 की तुलना में 66% अधिक थीं. औसतन, 2024 में लगभग सात लोगों ने प्रतिदिन अपनी जान गंवाई, जिसमें नवंबर सभी मापदंडों में सबसे घातक महीना था, वर्ष के अन्य सभी महीनों की तुलना में. हिंसा ने खैबर पख्तूनख्वा पर सबसे भारी असर डाला, जहां 1,616 मौतें हुईं, इसके बाद बलूचिस्तान में 782 मौतें हुईं. 2024 में, देश ने नागरिकों, सुरक्षा कर्मियों और अपराधियों के बीच 2,546 हिंसा से संबंधित मौतें और 2,267 चोटें झेलीं. ये हताहतों की संख्या 1,166 आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों की घटनाओं से उत्पन्न हुई, जो देश के सुरक्षा परिदृश्य के लिए एक गंभीर वर्ष को चिह्नित करती है.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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